नाहन : क्यारी पंचायत के तहत धमेडी गांव के ग्रामीण आजादी के 73 साल बाद भी रास्ते जैसी आम सुविधा से वंचित है। शहर से मात्र 3-4 किलोमीटर की दूरी पर यह गांव एकदम अकेला व पिछड़ा हुआ है, जहां के लोग आदिवासियों जैसा जीवन जी रहे हैं। गांव के एक ग्रामीण मुकेश ने एमबीएम न्यूज से अपना दर्द सांझा करते हुए बताया कि उनका गांव मुख्य सड़क मार्ग से करीब 3-4 किलोमीटर की दूरी पर है, जहां तक पहुंचने के लिए केवल पैदल मार्ग ही एकमात्र रास्ता है।
अगर किसी ग्रामीण को घर या राशन का कोई भी सामान लाना हो या फिर किसी आपातकालीन स्थिति में अस्पताल या शहर जाना हो तो उन्हें पीठ पर ढोकर लाना ही एकमात्र विकल्प है। इसी वजह से ग्रामीण किसी प्रकार का कोई वाहन नहीं खरीद सकते, क्योंकि उसे घर तक नहीं पहुंचा सकते। ग्रामीणों ने कई मर्तबा पंचायत से भी गुहार लगाई और स्थानीय विधायक डॉ. राजीव बिंदल से भी प्रार्थना कर रास्ते का मौका करवाया, लेकिन दोनों ओर से रास्ते के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।
ग्रामीण रास्ता न होने की वजह से बेहद परेशान हैं। रास्ता आज के वक़्त में हर किसी के लिए सबसे पहली बुनियादी सुविधाओं में से एक है। इस सुविधा से वंचित ग्रामीण प्रशासन से उम्मीद कर रहे हैं कि शीघ्र उनकी समस्या की और ध्यान दिया जाए, जिस से आज के युग की सुख सुविधाओं का यह गांव भी फायदा उठा सके।