नाहन : उत्तराखंड की सीमा पर गिरी नदी से अवैध खनन का वीडियो 5 मार्च को बनाया गया था। जिला खनन अधिकारी सरित चन्द्र ने इस बात को स्वीकार किया है कि यह वीडियो उन्होंने ही उस वक्त बनाया था जब अवैध खनन करते ट्रकों को रंगे हाथों दबोचा गया था। दरअसल इस वीडियो ने इस कारण बवाल मचा दिया है, क्योंकि वीडियो में ट्रक की ड्राइवर सीट पर बैठा शख्स यह कह रहा है कि वह अवैध खनन के बाद 700 रुपए प्रति ट्रक पुलिस को देते हैं। तीन व्यक्ति उगाही करते है।
अब इस मामले में एक नया मोड़ आया है, इसके मुताबिक अवैध वसूली हिमाचल नहीं, बल्कि उत्तराखंड पुलिस के लिए की जाती है। 5 मार्च को इस घटना को लेकर खनन विभाग ने अपराधिक मामला भी दर्ज करवा दिया था। चार ट्रक अब भी जब्त हैं। सूत्रों के मुताबिक जिला खनन अधिकारी के बयान भी वीडियो के वायरल होने के बाद रिकॉर्ड किए गए हैं। सूत्रों का यह कहना है जिला खनन अधिकारी ने अपने बयान में कहा है कि यह वीडियो लोगों के अचानक आ जाने केेे कारण अधूरा बना है। आरोप उत्तराखंड की पुलिस पर लगाए गए थे।
जानकारी के मुताबिक सिरमौर के पुलिस अधीक्षक ने एसएसपी देहरादून को इस बाबत एक पत्र लिखकर आग्रह किया है कि यह पता लगाया जाए कि आखिर वह तीन लोग कौन-कौन हैं जो पुलिस के नाम पर धन उगाही कर रहे थे। वीडियो में अवैध उगाही करने वाले तीन व्यक्तियों के नामों का भी खुलासा किया गया। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में जिला खनन अधिकारी ने निसंकोच इस बात को स्वीकार किया कि रूटीन कार्रवाई के दौरान वीडियो बनाकर फ्लाइंग स्क्वायड के चेयरमैन को भेजा गया था। उन्होंने यह भी कहा कि इस वीडियो में उत्तराखंड की पुलिस की बात हो रही थी। प्रशासन ने इस मामले को पड़ोसी राज्य के शीर्ष अधिकारियों से उठाने का आग्रह किया गया था।
उधर, सवाल इस बात पर भी उठ रहा है कि अचानक कैसे इस वीडियो को सोशल मीडिया में वायरल कर दिया गया। दीगर है कि हाल ही में एक कथित षड्यंत्र के तहत स्टाफ नर्स का वीडियो भी वायरल कर दिया गया था। बताते हैं कि उस मामले में स्टाफ नर्स ने पुलिस से जांच का आग्रह किया था, लेकिन बाद में किसी अंतिम नतीजे पर नहीं पहुंची। इससे पहले भी नगर परिषद के पदच्युत उपाध्यक्ष के कथित कमीशन खोरी का वीडियो वायरल हुआ था। उस मामले में भाजपा को बैकफुट पर जाकर शर्मिंदगी भी झेलनी पड़ी थी।
इस मामले में बात इस कारण अंतिम नतीजे तक पहुंची थी, क्योंकि अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को इस्तीफा देना पड़ा था। उधर, पुलिस अधीक्षक अजय कृष्ण शर्मा ने कहा कि इस मामले को लेकर हालांकि यह साफ हो गया है कि आरोप हिमाचल पुलिस पर नहीं है। बावजूद इसके पावंटा साहिब के डीएसपी को जांच के आदेश दिए गए हैं। साथ ही उन्होंने यह भी माना कि एसएसपी देहरादून को कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है।