सोलन: जिलेके प्रसिद्ध उर्दू प्रशिक्षण संस्थान इन दिनों बंद होने की कगार पर है। उतरी भारत में उर्दू सहित विभिन्न भाषाओं के प्रोत्साहन के लिए आजादी के बाद स्थापित यह संस्थान अपने अस्तित्व को खोता जा रहा है।
हजारों लोगों को उर्दू सहित विभिन्न भाषाओं का प्रशिक्षण देने वाला यह संस्थान वर्षों बाद भी किराए के मकान में चल रहा है। वर्तमान मे नौबत यहां तक आ गई है कि यहां न तो कर्मचारी रह गए हैं न कि प्रशिक्षण लेने वाले छात्र। ऐसे में इस संस्थान पर केन्द्र सरकार करोड़ों खर्च कर रही है लेकिन संस्थान अपने उद्देश्य से वंचित होता दिखाई दे रहा है। पढ़ने वाले छात्रों को संस्थान की तरफ से स्टाइफंड भी दिया जाता है लेकिन सब व्यर्थ जा रहा है।
जब इस संस्थान का दौरा किया गया तो कोई भी वरिष्ठ अधिकारी संस्थान में नहीं मिला। दबी आवाज में एक अधिकारी ने बताया की प्रिंसिपल साहिब दो तीन महीने में एक बार आते है। वहां पर पर मौजूद कर्मचारियों से जब बात करनी चाहिए तो वह यह कहते हुए पल्ला झाडते हुए दिखाई दिये कि उनको बोलने का अधिकार नहीं है। आपको बता दे कि इस संस्थान में मात्र पांच छात्र उर्दू की पढ़ाई कर रहे है। साथ ही कई कर्मचारी ठाठ से नौकरी कर रहे है। व केन्द्र सरकार के पैसो का दुरूपयोग हो रहा।