हमीरपुर : सुजानपुर में धूमल परिवार व राणा परिवार फिर से आमने-सामने है। सब्र का बांध दोनों तरफ़ से टूट रहा है। हालात ऐसे रहे तो 2022 में सुजानपुर की धरती एक बार फिर महायुद्ध के लिए तैयार हो रही है। मुक़ाबला धूमल परिवार और राणा परिवार के बीच होने के पूरे पूरे आसार बनने लगे हैं। कभी समीरपुर हाउस के ख़ास मेहमान समझे जाने वाले अब कांग्रेसी विधायक राजेंद्र राणा सुजानपुर होली मेले के बीच भड़क गए। राणा का ग़ुस्सा सातवें आसमान पर दिखा और उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि अब सब्र का बाँध टूट चुका है। इस बार राणा के निशाने पर केंद्रीय राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर एवं समर्थक रहे।
यहाँ बताना जरूरी है कि गत विधानसभा चुनाव में भाजपा के घोषित सीएम उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल को हराकर हिमाचल की राजनीति में उलटफेर करने वाले राजेंद्र राणा अत्यंत शांत, मिलनसार एवं सौम्य स्वभाव के हैं। उन्होंने राजनीतिक प्रतिद्वंदीता के बावजूद प्रेम कुमार धूमल पर कभी सीधा राजनीतिक हमला नहीं किया। फिर धूमल के बेटे अनुराग व इनके समर्थकों ने ऐसा क्या कर दिया कि राजेंद्र राणा होली महोत्सव के बीच भड़क गए। यह आग 2017 की हार जीत के बीच सुलग रही थी। सुजानपुर में राजेंद्र राणा द्वारा लगवाए गए स्वागत होर्डिंग्स के फटने से ज्वाला बाहर आ निकली।
होर्डिंग्स फाड़ने वाले कौन अज्ञात हैं इनका पता लगाना पुलिस का काम है लेकिन राजेंद्र राणा का मानना है कि सुजानपुर की पुलिस दबाव में है। इससे पहले भी कई शिलान्यास के पत्थर टूटे लेकिन प्रशासन भी शिकायत के बावजूद चुप बैठा रहा। वहीं मोदी लहर में सुजानपुर से भाजपा को मिली 25 हज़ार से अधिक लीड से भाजपा के हौसले बुलंद हैं। प्रेम कुमार धूमल एक बार फिर 2022 में राजेंद्र राणा से हार का बदला लेने की तैयारी में हैं। पिछले क़रीब 28 माह में सुजानपुर विस क्षेत्र में धूमल ने सबसे पहले उन पुराने भाजपा कार्यकर्ताओं को वापिस अपने साथ जोड़ने में कड़ी मेहनत की जो किन्हीं कारणों से राणा के साथ चले गये थे।
धूमल लगातार सुजानपुर को अपनी कर्म स्थली बनाए हुए हैं। राजनीतिक ज़मीन अरुण धूमल के लिए भी तलाश हो रही है। ऐसे में कई राजनीतिक दावपेच खेले जा रहे हैं। सुजानपुर होली मेले में परंपरा से हटकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का ना आना और उनकी जगह अनुराग ठाकुर का सुजानपुर के होली शुभारंभ समारोह में शामिल होना भविष्य की राजनीतिक तस्वीर भी साफ़ कर रहा है। ऐसे में कटोच वंश की ऐतिहासिक सुजानपुर नगरी फिर धूमल परिवार व राणा परिवार के बीच राजनीतिक घमासान की गवाह बनेगी। सब्र का बाँध एक तरफ़ से नहीं दोनों तरफ़ से टूटता प्रतीत हो रहा है।