शिमला : जालसाजों व शिक्षा माफिया ने उच्च शिक्षा में भी सेंध लगा दी है। सूबे के दो नामी निजी विश्वविद्यालय बड़े पैमाने पर फर्जी डिग्रियां बांट रहे हैं। अरसे से दोनों निजी विवि में फर्जी डिग्रियों का गोरखधंधा चल रहा है। पीएचडी से लेकर स्नातक व व्यावसायिक स्तर तक की डिग्रियों की एवज में मोटी रकम ऐंठी जाती है। इस गोरखधंधे के लिए इन विवि ने बाकायदा एजेंट रखे हुए हैं। सोलन के नामी निजी विवि पर तो 5 लाख डिग्रियां बेचने का आरोप है।
वहीं शिमला के निजी विवि ने भी हजारों में फर्जी डिग्रियां बेची हैं। विभिन्न राज्यों के अलावा विदेशों तक में फर्जी डिग्रियां बेची गई हैं। यह फर्जीबाड़ा कई सालों से चल रहा है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने फर्जी डिग्रियां बेचने वाले इन दोनों निजी विश्वविद्यालयों का उल्लेख करते हुए हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग इन पर जांच बिठाने के आदेश जारी किए। नियामक आयोग ने दोनों निजी विश्वविद्यालयों को नोटिस जारी कर पूरे प्रकरण का जवाब मांगा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दोनों निजी विवि का जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने पर आयोग ने पुलिस महानिदेशक को इस संदर्भ में एफआईआर दर्ज कर पूरी पड़ताल करने को कहा है। निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग की सचिव पूनम ने बताया कि दोनों निजी विश्वविद्यालयों ने फर्जी डिग्रियां बड़े पैमाने पर बांटी है। पुलिस महानिदेशक को इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की संस्तुति की गई है। v