मंडी : फोरलेन निर्माण के कारण थलौट गांव के 15 परिवारों पर खतरे के बादल मंडराने लग गए हैं। प्रभावितों ने शासन और प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। वहीं प्रशासन का कहना है कि प्रभावितों को हर संभव मदद प्रदान की जाएगी। क्षेत्र में हो रहे फोरलेन निर्माण के कारण आए दिन लोगों के नुकसान के मामले सामने आ रहे हैं। ताजा मामला औट तहसील के तहत आने वाले थलौट गांव का सामने आया है। यहां फोरलेन निर्माण के लिए कटिंग का कार्य चला हुआ है जिस कारण 15 परिवारों पर खतरा मंडराने लग गया है।
फोरलेन निर्माण की कटिंग के कारण इन 15 घरों में दरारें आ गई हैं, वहीं खेतों की बात करें तो खेत भी दरारों के कारण प्रभावित होते हुए नजर आ रहे हैं। प्रभावित प्रेम प्यारी, रेश्मा और परमा नंद ने बताया कि बीते कुछ दिनों से उनके घरों में दरारें आने का सिलसिला शुरू हुआ है जिस कारण इन्हें खतरे के साए में जिंदगी काटने को मजबूर होना पड़ रहा है। इनका कहना है कि इन्होंने शासन से लेकर प्रशासन तक को कई बार अवगत करवाया लेकिन अधिकारियों के मौके पर आने के सिवाय और कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।
थलौट गांव निवासी प्रभावित शेर सिंह ने बताया कि यह परिवार पहले ही फोरलेन निर्माण और लारजी प्रोजेक्ट में अपनी जमीनें गंवा चुके हैं और अब फिर से इन पर विस्थापित होने का खतरा मंडराने लग गया है। इन्होंने शासन और प्रशासन से प्रभावितों को उचित मुआवजा देने की मांग उठाई है ताकि इन्हें यहां से फिर से विस्थापित न होना पड़े। वहीं जब इस बारे में डीसी ऋग्वेद ठाकुर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जिला भर से जब भी इस प्रकार के मामले सामने आते हैं तो वहां अधिकारी भेजकर मौके पर रिपोर्ट तैयार करवाकर एनएचएआई को भेजी जाती है।
उन्होंने बताया कि थलौट गांव का मामला उनके ध्यान में आया है और यहां के प्रभावितों को हर संभव मदद दिलाने का प्रयास किया जाएगा। बहरहाल प्रशासन प्रभावितों को हर संभव मदद दिलाने का भरोसा तो दिला रहे है लेकिन यह मदद जल्द से जल्द पहुंचने की उम्मीद यहां के बाशिंदे लगाए बैठे हैं। देखना होगा कि इन प्रभावितों को कितना जल्दी राहत प्रदान की जाती है ताकि खतरे के साए में रह रहे इन परिवारों को राहत की सांसे दी जा सकें।