शिमला : स्वैच्छिक रक्तदान के क्षेत्र में देश की सबसे बड़ी संस्था फेडरेशन ऑफ़ इंडियन ब्लड डोनर ऑर्गेनाइजेशंस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और हिमाचल की संस्था उमंग फाऊंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने हरियाणा के सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में 91वीं बार रक्तदान किया। भारत विकास परिषद द्वारा आयोजित इस शिविर में उन्हें सम्मानित भी किया गया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि खूनदान कहीं पर भी किया जाए, वह इंसान की जान बचाता है। इससे राष्ट्रीय एकता और अखंडता भी मज़बूत होती है।
सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय मेले में इस बार थीम राज्य हिमाचल प्रदेश है और सहभागी देश उजबेकिस्तान है। भारत विकास परिषद ने मेले में स्थापित हिमाचल के प्रसिद्ध भीमाकाली मन्दिर की विशाल प्रतिकृति के निकट पहली बार रक्तदान शिविर लगाया। शिविर मेले के अन्तिम दिन 16 फरवरी तक चलेगा। भारत विकास परिषद की फरीदाबाद इकाई के सचिव प्रदीप गोयल ने प्रो. अजय श्रीवास्तव को सम्मानित करते हुए कहा कि ऐसे रक्तदानी समाज के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं।
प्रो. श्रीवास्तव ने कहा कि कोई भी स्वस्थ पुरुष हर तीन महीने और महिलाएं चार महीने बाद रक्तदान कर सकती हैं। इससे कोई कमजोरी नहीं आती बल्कि शरीर और मज़बूत होता है। एक बार रक्तदान कर के चार मरीजों तक का जीवन बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि रक्तदान के माध्यम से हम जाने अनजाने में छुआ-छूत, ऊंच-नीच आदि कुरीतियों को तोड़ते हैं और इससे राष्ट्रीय एकता मज़बूत होती है। इस अवसर पर उमंग फाऊंडेशन से जुड़े हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के पीएचडी स्कालर आशीष जायसवाल ने तीसरी बार रक्तदान किया।