धर्मशाला : कहते हैं, यदि मन में कुछ करने का जज्बा और लग्न हो तो बड़ी से बड़ी बाधाओं को भी पार किया जा सकता है। ऐसा ही उदाहरण कड़ी मेहनत के दम पर आत्मनिर्भर बनी बिंदिया ने पेश किया है। एक समय ऐसा भी था जब बिंदिया सोचा करती थी कि क्या कभी वह एक सुखद जीवन का आंनद ले पाएगी। शायद वह नहीं जानती थी कि सुखद भविष्य उसकी राह देख रहा है।
स्नातक तक शिक्षा ग्रहण करने वाली बिंदिया एक मध्यम वर्गीय परिवार की महिला है। उसके पति कम आमदनी से घर का पूरा खर्चा उठाया करते थे, हालाकि बिंदिया तहे दिल से अपने परिवार का बोझ कम करने के लिए कुछ काम ढूंढ़ना चाहती थी, किन्तु जागरूकता के अभाव में वह ऐसा नहीं कर पा रही थी। वह स्टीचिंग का काम किया करती थी जिससे वह थोड़ा बहुत कमा लेती थी, लेकिन वह पुरी तरह से संतुष्ट नहीं थी।
इसी बीच बिंदिया को पीएनबी आसेटी धर्मशाला द्वारा नि:शुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जानकारी मिली। उसने ड्रैस डिजाईनिंग कोर्स का प्रशिक्षण लिया। बिंदिया बताती हैं कि उन्होंने स्वयं का रोजगार शुरू करने के लिए 50 हजार रूपये स्वयं से निवेश किये। बिंदिया की उद्यमशीलता, कड़े परिश्रम और गुणवत्ता के प्रति प्रतिबद्धता से उन्हें अपना कारोबार बढ़ाने में सहायता मिली। उन्होंने श्यामनगर में किराए की दुकान लेकर सिलाई का काम शुरू किया। कुछ समय के अंतराल में बिंदिया ने अपनी फैशन डिजाईनिंग की दुकान में अपना व्यवसाय स्थापित कर लिया।
पंजाब नैशनल बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक महेन्द्र सिंह बताते हैं कि संस्थान जरूरतमंद एवं इच्छुक लोगों को स्वरोजगार आरम्भ करने के लिए नि:शुल्क प्रशिक्षण देता है ताकि वे आर्थिक रूप से सुदृढ़ एवं आत्मनिर्भर हो सकें।