मंडी : हालांकि हर कोई इस बात से वाकिफ हो गया है कि पदमश्री पाकर प्रदेश की लाडली बेटी कंगना रणौत ने देवभूमि को गौरवान्वित किया है। लेकिन शायद अब तक किसी ने यह नहीं सोचा है कि कंगना ने इस मुकाम को मात्र 33 साल की उम्र में पाया है जो अपने आप में दोहरे ऐतिहासिक पल है। महज 33 साल की उम्र में हिमाचल की बेटी कंगना रणौत ने माया नगरी में इतिहास लिखा है। इस उम्र तक पहुंचने से पहले 3 नेशनल फिल्म अवार्ड, 4 मर्तबा फिल्म फेयर अवार्ड जीतने के बाद अब पदमश्री हासिल किया है।
हालांकि पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता लेकिन काफी हद तक यह तय है कि मात्र 33 साल की उम्र में फिल्म इंडस्ट्री के किसी भी अभिनेता व अभिनेत्री ने पदमश्री हासिल नहीं किया है। अगर गौर किया जाये तो ऐश्वर्या रॉय ने 35 साल की उम्र में पदमश्री प्राप्त किया था, यानि कंगना ने इस रिकॉर्ड को तोड़ लिया है। अगर गत वर्ष भी देखें तो प्रदेश से यह अवार्ड जीतने वाले 50 प्लस वाले ही थे। दरअसल देवभूमि से कई बेटियों ने माया नगरी में पदार्पण किया है, लेकिन मंडी के सरकाघाट उपमंडल की रहने वाली कंगना रणौत ने अपनी पहचान एक बिंदास अभिनेत्री के तौर पर बनाई है। बेबाक तरीके से नेशनल मुद्दों पर बोलने में भी नहीं हिचकती।
इसके अलावा सादगी का आलम हर कोई जानता है। घर के कार्यक्रमों में शिरकत करने में हर समय तैयार रहती है। हाल ही में भी कजन की सगाई में पहुंची थी। भामला गांव में जन्मी कंगना एक डॉक्टर बनना चाहती थी। 2006 में ट्रेलर मूवी गैंगस्टर से सीनियर स्क्रीन पर पदार्पण करने वाली कंगना रणौत ने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। 23 मार्च 1987 को जन्मी कंगना ने जीवन में कई उतार-चढ़ाव भी देखे हैं। अगर गौर किया जाए तो पिछले कई महीनों से कंगना रणौत राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोर रही है। तकरीबन डेढ़ साल पहले कंगना ने अपने पैतृक गांव में कुलदेवी का मंदिर भी बनवाया है।
1984 के बाद से केंद्र सरकार द्वारा 20 अभिनेताओं व अभिनेत्रियों को पदमश्री से अलंकृत किया गया है। इसमें अक्षय कुमार (2009), अनुपम खेर (2004), अमिताभ बच्चन (1984), आमिर खान (2003), इरफान खान (2011), परेश रावल (2014), सैफ अली खान (2010), संजय लीला भंसाली (2015), कमल हसन (2014), शाहरुख खान (2005), विद्या बालन (2014), तब्बू (2011), श्रीदेवी (2013), रेखा (2010), माधुरी दीक्षित (2008), काजोल (2011), हेमा मालिनी (2000), हेलन (2009), ऐश्वर्या राय बच्चन (2009), शर्मिला टैगोर (2013)। यानि 36 साल में फिल्म इंडस्ट्री से कंगना रणौत 21वीं हैं जिन्हे पदमश्री से अलंकृत किया जा रहा है।