शिमला : हिमाचल पुलिस कर्तव्य परायणता को लेकर समूचे देश में अपनी एक अलग पहचान बनाने के तरफ तेजी से अग्रसर है। खाकी की वर्दी में कुछ ऐसे कर्मचारी भी हैं जो लीक से हटकर कुछ करने की कोशिश तो कर ही रहे हैं, साथ ही साइबर क्राइम के अलावा ऑनलाइन फ्रॉड को रोकने के लिए एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार कर चुके हैं, जिससे आम लोगों में एक क्लिक पर लाखों लोगों तक जागरूकता फैलाई जा सकती है। इसमें भी कोई दो राय नहीं है कि लोहा ही लोहे को काटता है, यानी सोशल मीडिया में अगर फ्रॉड करने की कोशिश की जा रही है तो इसी प्लेटफार्म पर जागरूकता की अलख जगाई जा सकती है।
प्रदेश पुलिस में एक ऐसा ही जवान कांगड़ा जनपद में तैनात है। 31 साल के ठाकुर विशाल सिंह न केवल सोशल मीडिया में देशभक्ति का जज्बा पैदा करने में एक अहम भूमिका निभा रहे हैं, बल्कि फेसबुक पर एक ऐसा समूह तैयार किया है जिसमें सदस्यों की संख्या पांच लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है। देहरा पुलिस में तैनात ठाकुर विशाल सिंह ने 2009 में अपनी सेवाएं शुरू की थी। 21 साल की उम्र में पुलिस कांस्टेबल बने विशाल को 2003 से ही लेखन का शौक रहा है।
2016 में पहाड़ी संस्कृति को लोगों तक पहुंचाने के लिए कविताओं के वीडियो भी अपलोड करने शुरू किए। गौरतलब है कि हेड कांस्टेबल प्रमोट हो चुके मनोज ठाकुर ने प्रदेश पुलिस का मान उस समय अंतरराष्ट्रीय मंच पर बढ़ा दिया था, जब उनकी एक कविता का वीडियो उरी हमले के बाद वायरल हो गया था। उल्लेखनीय है कि उस समय भी एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने ही मनोज ठाकुर की पहचान आम लोगों तक पहुंचाई थी।
खास बातचीत के दौरान कॉस्टेबल विशाल का कहना था कि वह समय-समय पर साइबर व ऑनलाइन क्राइम को लेकर जागरूकता से जुड़े पोस्ट करते हैं ताकि लोगों को समझ आ सके कि कैसे ठगी से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि पहाड़ी संस्कृति को कविताओं के जरिए प्रमोट करना उनका जुनून है। जब भी ड्यूटी से समय मिलता है तो वह कुछ हटकर करने का प्रयास करते हैं। उनका कहना था कि ग्रुप में आम लोग खुलकर जनहित की पोस्ट डाल सकते है। कुल मिलाकर पुलिस विभाग को ऐसे प्रतिभाशाली कर्मचारियों को पहचान कर जागरूकता के क्षेत्र में अहम भूमिका सौंपनी चाहिए साथ ही उचित मंच पर हौँसला अफजाई के लिए पुरस्कृत भी करना चाहिए।