शिमला : शुक्रवार को भारत की जनवादी नौजवान सभा तथा स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा महापौर का घेराव किया गया व ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन के माध्यम से भारत की जनवादी नौजवान सभा तथा एसएफआई ने महापौर से कहा कि वर्ष 2015-2016 में नगर निगम शिमला में यह प्रस्ताव पास हुआ था कि समर हिल में भगत सिंह की मूर्ति तथा बालू गंज में स्वामी विवेकानंद की मूर्ति स्थापित की जाएगी। जिसके लिए 9.5 लाख भी मूर्ती बनाने को दे दिया गया था।
मूर्तियों की मांग भी कर दी गई है यहां तक की आधा काम भी किया गया है। परंतु 5 वर्ष बीत जाने के बाद भी मूर्तियां नहीं लगाई गई है। जिससे साफ झलकता है कि ये मूर्तियां राजनीति की भेंट चढ़ रही है। कुछ लोग अपने राजनीतिक मसले को लेकर इस काम को रोके हुए है। एक तरफ समाज में इन विद्वानों के विचार समाप्त होते जा रहे है। दूसरी तरफ युवा नशे में जा कर असमाजिक घटनाओं को अंजाम दे रहा है। युवाओं को इन घटनाओं से दूर कर सामाजिक काम मे लाएं।
मगर प्रशासन भगत सिंह व विवेकानंद की मूर्ति न लगा कर यह अहसास दिला रहे है कि वे युवाओं को सिर्फ दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर करना चाहते हैं। ताकि वे इन महान व्यक्ति के जीवन से परिचित न हो सके। आज के समय मे भगत सिंह के विचारों से हर व्यक्ति को अवगत होना जरूरी है ताकि समाज मे फ़ैल रही कुरीतियों से एक इंकलाबी सोच से निपटा जाए व भगत सिंह की सोच इंसान के हाथों इंसान का शोषण बंद हो का नारा सफल किया जाए।
भारत की जनवादी नौजवान सभा तथा एसएफआई ने महापौर से मांग की है कि इन मूर्तियों को जल्द से जल्द लगाया जाए। अगर नगर निगम इस पर जल्द से जल्द कोई कदम नहीं उठाता है तो आने वाले समय में भारत की जनवादी नौजवान सभा तथा एसएफआई मिलकर प्रशासन व सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलकर उग्र आंदोलन करेंगे। जिसकी जिम्मेवारी प्रशासन व सरकार की होगी।