नाहन : क्या आप जानते हैं, हिमाचल प्रदेश में सबसे युवा जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक कौन है? यदि नहीं तो इसका जवाब है, 26 साल के आदित्य बिंद्रा। सिरमौर में इस पद से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाले आदित्य बिंद्रा को विभाग भी ऐसा मिला है, जो जनपद की हरेक रसोई से सीधा नाता रखता है। 25 साल की उम्र में एचएएस की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले युवा जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक आदित्य बिंद्रा ने एनआईटी हमीरपुर से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई एक मेधावी स्टूडेंट के तौर पर पूरी की। गोल्ड मेडलिस्ट आदित्य बिंद्रा ने 28 अगस्त 2019 को सिरमौर में कार्यभार संभाला था। उन्होंने बीटेक की पढ़ाई 96% अंकों से की।
काबलियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महज 80 दिन के कार्यकाल में हिमाचल गृहणी सुविधा योजना के लाभार्थियों का आंकड़ा 2301 से बढ़कर से बढ़ाकर 22,400 कर दिया। हालांकि पुख्ता तौर पर तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन संभव है कि प्रदेश के अब तक सबसे युवा जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक आदित्य बिंद्रा ही होंगे। लेकिन सिरमौर के लिहाज से तो यह काफी हद तक तय है कि पहली बार जनपद को इस संवेदनशील व लोगों से जुड़ी पोस्ट पर इतना युवा अधिकारी मिला है।
प्रारंभिक पढ़ाई शिमला के नामी स्कूल सेंट एडवर्ड से पूरी करने के बाद एनआईटी हमीरपुर में दाखिला लेने में सफल हुए थे। विशेष बातचीत के दौरान आदित्य बिंद्रा का कहना था कि सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान हमीरपुर व घुमारवीं के कई क्षेत्रों में सॉइल मकैनिज्म पर भी कार्य करने का मौका मिला। जब उनसे यह पूछा गया कि बीटेक की पढ़ाई करने के बाद वह निजी क्षेत्र में भी बेहतरीन कैरियर के विकल्प तलाश कर सकते थे तो बेहद ही सटीक जवाब में उन्होंने कहा कि बीटेक की पढ़ाई के दौरान कई बार लगता था कि धरातल पर होने वाले शोध कार्यों को क्रियान्वित नहीं किया जाता। लिहाजा एक प्रशासनिक अधिकारी बनकर वह इसे बखूबी कर सकते हैं।
माता-पिता की इकलौती संतान आदित्य ने एचएएच परीक्षा सातवें रैंक के साथ उत्तीर्ण की थी। युवाओं के लिए सफलता की मिसाल बने आदित्य बिंद्रा के पिता दिवंगत देवेंद्र बिंद्रा राजधानी में अंग्रेजी विषय के एक प्रख्यात शिक्षाविद रहे, जबकि मां मधु बिंद्रा भी एक हिंदी विषय की शिक्षाविद हैं। एक अन्य सवाल के जवाब में उनका कहना था कि वह आगे भी प्रतियोगितात्मक परीक्षाओं की तैयारी करेंगे। लेकिन उन्हें इस बात की खुशी है कि एक ऐसे विभाग में कार्य करने का मौका मिला है, जो सीधा ही हर एक परिवार से जुड़ा हुआ है। दीगर है कि सिरमौर में इस वक्त 6 लाख के करीब आबादी के लिए सवा लाख राशन कार्ड उपभोक्ता है।
सिरमौर में 1973 से जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक का पद सृजित हुआ। इसमें आदित्य बिंद्रा का नाम ऑनर बोर्ड पर 26वें स्थान पर आया है। अब अपने अगले मिशन में युवा अधिकारी छह विकास खंडों में उचित मूल्य की मॉडल दुकानों को खोलने की तैयारी कर चुके हैं। उनका कहना है कि इन दुकानों में संचालकों के व्यवहार व गुणवत्ता को लेकर कुछ खास प्रयास किए जाएंगे ताकि इसका संदेश अन्य राशन डिपो धारकों को भी दिया जा सके। उनका कहना है कि हर एक विकासखंड में 5 दुकानें खोलने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। उनका यह भी कहना है कि वो नियमो को सख्ती से क्रियान्वित तो करते ही है साथ ही नरमी भी बरतते है। बहरहाल एक अन्य जानकारी के मुताबिक इस समय किन्नौर में भी विभाग की कमान 28 साल के युवा के हाथो में है।
युवाओ को संदेश…
युवा एचएएस अधिकारी का कहना है कि सफलता के लिए लक्ष्य पर निशाना होना चाहिए। पाठ्यक्रम पर प्राथमिकता भी ध्यान में रखनी पड़ती है। जरूरी नहीं है कि कोचिंग ली जाए, बगैर कोचिंग के भी परीक्षा की चुनौती का सामना किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि युवाओं को यह बात बारीकी से समझनी चाहिए कि आपको परिश्रम के दौरान कई त्याग भी करने पड़ते हैं मसलन चंद साल सोशल मीडिया के अलावा उन बातो को छोड़ना पड़ता है जो युवा अवस्था में पहली पसंद होती हैं। चंद साल का संघर्ष आपके जीवन को बेहतरीन बना देता है। सफलता मिलने के बाद आप त्यागी गई चीजों को दोबारा हासिल कर सकते हैं। उस समय की मिठास ही अलग होती है।
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