संगड़ाह : अस्पताल के बाहर हुए महिला के प्रसव संबंधी मामले की जांच के लिए सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी सिरमौर डॉ. केके पराशर संगड़ाह पंहुचे। इस दौरान उन्होंने उक्त प्रकरण अथवा लापरवाही को लेकर स्थानीय स्वास्थ्य कर्मियों के बयान भी लिए। अस्पताल के सीसीटीवी कैमरों फुटेज से भी मामले की तहकीकात की जा रही। सीएमओ डॉ. पराशर ने संगड़ाह से एमसीएच नाहन के लिए तीन घंटे का समय लगने के चलते निकट भविष्य में प्रसव प्रक्रिया शुरू होने के दौरान सामान्य डिलिवरी केस को रैफर करने के भी निर्देश दिए।
इस दौरान स्थानीय स्वास्थ्य कर्मी पूजा व रेखा तथा डॉक्टर विकास ने लापरवाही की बात से इंकार किया गया। उन्होंने कहा कि बाहर प्रसव होने के बाद महिला को स्टैचर से वार्ड में लाया गया तथा दो दिन जच्चा-बच्चा को यहां दाखिल रखा गया। इस दौरान स्थानीय चिकित्सकों द्वारा बिना छुट्टी स्वीकृत करवाए कईं दिनों ड्यूटी की ऑफ़ द रिकार्ड एडजस्टमेंट के मामले पर भी चर्चा हुई। सीएमओ ने स्थानीय डॉक्टरों को भविष्य में छुट्टी लिए बिना ड्यूटी से लगातार ऑफ़ न रहने तथा सीएचसी परिसर में सफाई रखने को भी कहा।
गौरतलब है कि मीडिया द्वारा मामला उठाए जाने के बाद प्रसव के दौरान रैफर न किए जाने अथवा बाहर जाने को कहे जाने के बाद विभाग द्वारा यह जांच करवाई गई। सोमवार जांच के दौरान बीएमओ सहित आधा दर्जन स्वास्थय कर्मी छुट्टी पर बताए गए। मौजूदा कर्मियों ने स्टाफ की भारी कमी की बात भी सीएमओ से कही। गौरतलब है कि उपमंडल मुख्यालय पर मौजूद संगड़ाह अस्पताल में शनिवार को डॉक्टर द्वारा प्रसव से ठीक पहले एक महिला को रैफर किए जाने अथवा निकलने को कहे जाने के चलते उसकी डिलीवरी अस्पताल की सीढ़ियों पर खुले आसमान के नीचे हुई थी।
अस्पताल से मात्र दो किलोमीटर दूर स्थित गांव पावरा की 23 वर्षीय मीरा देवी पत्नी बलदेव सिंह को 108 एंबुलेंस से यहां लाया गया था। पैदल सीढ़ियां चढ़ने के दौरान डिलिवरी हो गई थी। महिला के पति बलदेव, सास दुर्गा देवी व ससुर मेला राम आदि ने प्रसव प्रक्रिया शुरू होने के दौरान हुई बड़ी लापरवाही पर नाराजगी जताई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी सिरमौर डॉ. केके पराशर ने कहा कि उक्त मामले में निष्पक्ष जांच की जा रही है।