रिकांगपिओ : बर्फबारी के बाद जिला के अधिकांश संपर्क मार्ग बहाल नहीं हुए है। कई सड़कों पर अभी तक बर्फ हटाने के लिए मशीन तक नहीं लगाई गई है। यही नहीं अप्पर किन्नौर के कई गांव अंधेरे में है। संचार व्यवस्था भी ठप्प पड़ी है। लोगों को रात अंधेरे में गुजरने को विवश होना पड़ रहा है। एक तरफ खून जमा देने वाली ठंड ऊपर से विद्युत बाधित होने से सरकारी कर्मचारियों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। हालांकि एनएच-5 को बहाल किया गया, लेकिन मार्ग पर बर्फ जमी होने से मार्ग पर गाड़ी चलाना जोखिम भरा है। प्रशासन की मानें तो जिला में करीब 31 संपर्क मार्ग पूरी तरह बंद है। जिनमें लोक निर्माण विभाग के करच्छम मंडल के 18, कल्पा मंडल के 6, निचारमंडल के 5, पूह मंडल के 2 मुख्य संपर्क मार्ग बाधित है, लेकिन हकीकत में अवरुद्ध मार्ग के आंकड़े अधिक है।
प्रशासन ने दो दिन के भीतर सभी संपर्क सड़कों को बहाल करने का दावा किया है। मगर ऐसा लगता नहीं है। अभी तक पूह उमंडल का गंग्युल वेली, स्पिलो, कानम, लबरंग, नेसंग, असरंग सहित कई गांव में मार्ग अवरुद्ध होने के साथ इन क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति पूरी तरह बाधित है।
उधर प्रशासन द्वारा लोक निमार्ण, सिंचाई एवं जन स्वास्थय, विद्युत विभाग तथा पथ परिवहन निगम के अधिकारियों को अवरुद्ध संपर्क मार्गों, पेय जल योजनओं व विद्युत आपूर्ति को बहाल करने के निर्देश दिए है। सहायक आयुक्त हर्ष अमरेंद्र सिंह ने कहा कि संबंधित विभागों को बर्फबारी के कारण हुए नुकसान का आंकलन कर शीघ्र प्रशासन को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दे दिए है।
उन्होने बताया कि जिले में 402 विद्युत ट्रांसफर्मो में से 172 की विद्युत आपूर्ति बाधित है। राष्ट्र उच्च मार्ग-5 को पूह तक यातायात के लिए खोल दिया गया है। सभी जगह पर खाद्य सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। बर्फबारी के बाद पथ परिवहन निगम ने प्रदेश के विभिन्न जिलों व पडोसी राज्यों के लिए प्रथम दिन 18 बसें भेजी गई। उन्होने बताया कि गत दिनों पूह के टिंकू नाला, जंगी नाला, कांशाग नाला, सांगला के टोग्टोगचे नाला पूर्वनी के नजदीक कांशग नाला व पांगी के खोन्टा नाला में हिमखंड आने के समाचार प्राप्त हुए है। परंतु इससे किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ है। नेगी ने कहा कि बर्फबारी के कारण निचार तहसील में 6 घरों, 4 पशु शालिकाओं व कल्पा उपमंडल में एक घर को नुकसान हुआ है।