सोलन : किसी ने ठीक ही कहा है, प्यार नहीं आसान, बस इतना समझ लीजिए कांटों भरा रास्ता है और हंसकर जाना है। ऐसा ही कुछ सोलन में एक अधिवक्ता के साथ सामने आ रहा है। उन्हें पशुओं खासकर आवारा कुत्तों से प्यार करना और उन्हें आश्रय देना इस कद्र भारी पड़ गया कि अब उनका खुद का आश्रय छुट गया है और वह दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो गई हैं। जिसके बाद उन्होंने अब सरकार से आश्रय की गुहार लगाई है। अब देखना होगा कि सरकार उनके लिए मदद के हाथ बढ़ाती है या नहीं।
जानकारी अनुसार अधिवक्ता दीपिका पशु प्रेमी है। जिसके चलते वह शहर के आवारा कुत्तो को आश्रय देती हैं, लेकिन उसके परिजनों को यह मंजूर नहीं है। इसके चलते उन्हें घर छोडऩा पड़ा और वह किराये के मकान में रहने लगी तो मकान मालिक को भी कुत्तो की मौजूदगी अखरने लगी। इसके चलते अब दीपिका को खुद के रहने के लिए मकान की चिंता सताने लगी है। वह दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।
दीपिका का कहना है कि एक तरफ सरकार बेटी बचाओ का नारा देकर वाह वाही लूटती है, वहीं बेजुबानों को आश्रय देने वाली बेटी की कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है। दीपिका का कहना है कि उसके कमरे में आग लगने से सारा सामान जल गया। कुत्तों को आश्रय देने के चलते उसे कहीं भी किराये का कमरा नहीं मिलता। ऐसे में उसे अपनी सुरक्षा की चिंता सता रही है। उन्होंने सरकार से आश्रय व सुरक्षा की मांग की है।