शिमला: ठियोग के देहा से लापता हुए रोहड़ू के 23 वर्षीय युवक शुभम का 36 दिन बाद भी कोई सुराग नहीं मिल पाया है। शिमला पुलिस द्वारा गठित एसआईटी अब तक नहीं ढुंढ पाई है। इकलौते बेटे का पता न चलने से शुभम के माता-पिता सदमे में जी रहे हैं। शुभम के माता-पिता रविवार को करीब 100 किलोमीटर का सफर कर रोहड़ू से राजधानी पहुंचे। प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता कर एसआईटी जांच पर असंतोष जाहिर किया। सरकार से बेटे की गंभीरता से तलाश करने की मांग की है। परिजनों ने सरकार को चेतावनी भी दी की अगर शुभम नहीं मिला, तो वे सड़कों पर उतकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
बेटे के लापता होने के गम में मां आशा भावुक हो गई।
रोते हुए बोली कि एसआईटी के अधिकारियों ने एक दिन भी इस मामले में उनसे संपर्क नहीं किया। पिछले 25 दिनों से जांच कर रही एसआईटी को एक भी क्लू नहीं मिला है, वह क्या जांच कर रही है? एसआईटी उनके बेटे की तलाशी में गंभीरता नहीं दिखा रही है। एसआईटी द्वारा जो कोशिश की जानी चाहिए थी, वह नहीं की जा रही है। वे गरीब हैं, इसलिए उनकी नहीं सुनी जा रही है। उन्होंने शुभम की गुमशुदगी में पुनीत पर शक जताया और कहा कि वह ही उनके बेटे को अपने साथ लेकर गया था। ऐसे में शुभम को वापिस लाने की जिम्मेदारी उसकी ही बनती है।
पुनीत ने शुभम की गुमशुदगी के बारे में उन्हें अवगत भी नहीं करवाया, जबकि उससे सब कुछ पता था। एक दिसंबर को जुब्बल पहुंच कर उसने किसी व्यक्ति के पास शुभम का मोबाइल व कैमरा छोड़ा और हम तक पहुंचाने को कहा। जमानत पर रिहा होने के बाद वह अब खुले में घूम रहा है। एसआईटी को फिर हिरासत में लेकर उससे सख्ती से पूछताछ करनी चाहिए। शुभम के पिता ने कहा कि उनका बेटा नहीं मिला, तो आखिर में उनके पास सड़क पर उतर कर सरकार व पुलिस के विरूद्व प्रदर्शन करने का ही रास्ता रहेगा। प्रेस वार्ता में रोहड़ू के कटलाह ग्राम पंचायत के उपप्रधान अंकुश लक्टा भी मौजूद थे।