सोलन : डॉ वाईएस परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी और कृषि विज्ञान केंद्र कंडाघाट में रोपण सामग्री के लिए राज्य भर के 2500 से अधिक किसानों ने पंजीकरण करवाया। जहां विश्वविद्यालय परिसर में पौधों के लिए 2 हजार से अधिक किसान आए। वहीं केवीके कंडाघाट में लगभग 500 किसानों ने पंजीकरण करवाया। इस वर्ष किसानों की सुविधा के लिए वार्षिक पौधों की बिक्री को दो चरण में आयोजित किया जा रहा हैं। पहला चरण आज शुरू हुआ, जिसमें किसानों ने विभिन्न फलों के पौधों के लिए पंजीकरण करवाया। कुल पंजीकरण के आधार पर 3 और 4 जनवरी को किसानों को पौधे वितरित किए जाएंगे।
केवीके कंडाघाट भी इसी तरह की प्रक्रिया के तहत पौधों की बिक्री कर रहा है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी को रोपण सामग्री मिले। पहले चरण में प्रत्येक किसान को सेब की नई किस्मों के प्रति प्रजाति, प्रति व्यक्ति केवल 20 पौधे और अन्य गुठलीदार फल प्रजातियों की उपलब्धता अनुसार अधिकतम 10 पौधे प्रति प्रजाति तक सीमित किया गया है। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ परविंदर कौशल ने इस अवसर पर किसानों को संबोधित करते हुए उनसे आग्रह किया कि वह अगले साल के लिए अपने पौधों की आवश्यकताओं के बारे में विश्वविद्यालय को बताए। ताकि अगले वर्ष किसानों के लिए पर्याप्त रोपण सामग्री तैयार की जा सके।
उन्होंने कहा कि किसानों से प्राप्त सुझावों के आधार पर प्रक्रिया में और सुधार किया जाएगा। पहले चरण के पूरा होने के बाद शेष पौधों की बुकिंग और बिक्री 6 जनवरी से आयोजित की जाएगी। विश्वविद्यालय के विभिन्न कृषि विज्ञान केंद्रों और अनुसंधान स्टेशनों पर बिक्री की तारीखों को अलग से सूचित किया जाएगा।