संगड़ाह : स्वच्छता अभियान में अक्सर ही प्रचार लूटने के मकसद से कई आडंबर रचे जाते हैं। ऐसे कड़वे अनुभवों के बीच स्वच्छता के प्रति समपर्ण की एक सुकून देने वाली खबर सामने आई है। वो भी दुर्गम इलाके में रहने वाले एक शख्स की गजब सोच। शायद टेलर की दुकान चलाने वाले सुरेश कुमार ने उच्चशिक्षा भी नहीं प्राप्त की होगी, लेकिन स्वच्छता को लेकर मिसाल कायम की है।
दरअसल, दुकान में लोग कपड़े सिलवाने आते हैं। लाजमी तौर पर अक्सर कपड़ा बच भी जाता है। सुरेश इस कपड़े से कैरी बैग तैयार कर लेते हैं, ताकि लोगों को निशुल्क वितरित कर सकें। वो जानते हैं कि इन कपड़ों का प्रचलन बढ़ेगा तो स्वाभाविक तौर पर प्लास्टिक के थैले खातमे की तरफ बढ़ जाएंगे। सोमवार को राजकीय महाविद्यालय में आयोजित शिविर में छात्रों को कपड़े के कैरी बैग वितरित किए। इसके बाद ही सुरेश कुमार की सोच का खुलासा हुआ। पहले भी कई स्कूलों में कैरी बैग वितरित कर चुके हैं। प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान से प्रभावित सुरेश कुमार पिछले तीन महीनों से ऐसा कर रहे हैं। यहां तक की कतरनों से भी बैग तैयार कर लेते हैं।
सुरेश कुमार के मुताबिक 150 से अधिक छात्रों को निशुल्क बैग बांट चुके हैं। सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर के दृष्टिबाधित धावक वीरेंद्र सिंह भी शरीक हुए थे। वीरेंद्र भी प्लास्टिक मुक्त भारत के लिए शिमला से चंडीगढ़ तक रन कर चुके हैं। कुल मिलाकर एक टेलर की सोच को सेल्यूट बनता है। दीगर है कि सिरमौर के जिलाधीश आरके परुथी ने भी निशुल्क कपडे़ के कैरी बैग वितरित करने का कार्य शुरू किया हुआ है, इसकी शुरूआत भी संगड़ाह विकास खंड से ही की गई है।
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