सोलन : हमेशा विवादों में रहे विश्व के महान लेखक खुशवन्त सिंह का कसौली लिटफेस्ट भी विवादों में घिर गया है। लिटफेस्ट कभी कन्हैया कुमार, कभी भगवाधारी और वामपन्थी विचारधारा के बीच तो कभी साहित्य के उत्सव में साहित्य ही उपेक्षित जैसे फेर में फंसता रहा है। लेकिन इस वर्ष धारा 370 और मॉब लिंचिंग का मुद्दा ऐसा गर्माया की हिन्दू संगठन रोष जताने रोड पर उतर आए।
यहां वक्ताओं को हिन्दू संगठनों ने आड़े हाथ लेकर पाकिस्तान का समर्थन करने पर घेर दिया। मंच से सरकार और हिंदू विरोधी बाते, ज्यादातर वामपंथी और कांग्रेसी विचार धारा के लोगों को आमंत्रित करने के अलावा हमेशा सरकार के विरोध और हिंदू धर्म के खिलाफ बोलने के आरोप लगे।
वहीं शिमला संसदीय क्षेत्र के पूर्व सांसद वीरेंद्र कश्यप भी इसको लेकर तलख नजर आए। उन्होंने कहा कि कसौली में लिटफेस्ट के नाम पर आतंकवाद को प्रोत्साहन देने के लिए साहित्यकार इकठ्ठा हुए है। उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ पूरा विश्व आतंकवाद को जड़ से ख़त्म करने की बात कह रहा है, वहीं इस तरह के आयोजनों से आतंकवाद को बढ़ावा मिल रहा है।