नाहन: शिक्षा में सांस्कृतिक तत्वों का समावेश करने के मकसद से केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा संयुक्त रूप से अनेकों कार्यक्रम चलाए जा रहे है। इन कार्यक्रमों के तहत खासकर स्कूली बच्चों व शिक्षकों को जागरूक किया जा रहा है कि किस तरह से संस्कृति को शिक्षा से जोडकर संजोये रखा जा सकता है। इसी कडी में नाहन शिक्षा खण्ड के तहत वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मोगीनन्द में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। यहां आयोजित इस तीन दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला में जिला के विभिन्न स्कूलों के करीब 50 शिक्षकों व स्कूली बच्चों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला में विभिन्न विभागों से जुडी अधिकारियों व विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारियों ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए कि किस तरह से अपनी संस्कृति को शिक्षा के साथ जोडकर इसे कैसे बचाया जा सकता है। पदाधिकारियों द्वारा यहां भारतीय लोक नृत्य, लोक संगीत आदि संस्कृति से जुडे विभिन्न मुद्दों पर तीन दिनों तक चर्चा की। कार्यशाला के प्रभारी संजीव अत्री ने बताया कि शिक्षकों को बताया जा रहा है कि किस तरह से संास्कृतिक गतिविधियों द्वारा बच्चों का चहुमंुखी विकास हो सकता है ताकि वो अपनी संस्कृति के बारे में जागरूक रहे।
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