नाहन : सूबे में माननीयों के भत्तों में इजाफे की चिंगारी शांत नहीं हुई है, इसी बीच नाहन नगर परिषद से एक खबर आई है। इसके मुताबिक निर्वाचित व मनोनीत पार्षद सरकारी खर्च पर मुंबई की सैर करेंगे, सैर भी हवाई जहाज से होगी। बुधवार को नगर परिषद के सदन में इस बाबत प्रस्ताव भी सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया है, इसमें सत्ता व विपक्ष के पार्षदों ने सहमति जता दी।
सवाल उठता है कि लाखों रुपए लुटा कर क्या शहर को कुछ हासिल होगा, इस बात का फैसला तो खुद शहर के लोगों को करना है। पार्षदों की इस सैर को इस तर्क के साथ जोड़ा गया है कि मुंबई जाकर अध्ययन करेंगे। रोचक बात तो यह भी है कि कई पार्षद अच्छे खासे पैसे वाले है, लेकिन सरकारी ट्रिप का मजा नहीं छोड़ना चाहते हैं। 17 में से 16 पार्षदों ने सहमति जता दी है। बेहतर होता की माया नगरी के शहर के बजाय नगर परिषद के पार्षद उस शहर को देखते जो पूरे देश भर में स्वच्छता के लिहाज से सिरमौर बनता है। दिलचस्प बात यह है कि शहर के पार्षद यदा-कदा ही वार्ड में नजर आते हैं, यही कारण है कि शहर की सफाई व्यवस्था बुरी तरह से चरमराई हुई है।
वीरवार को भी नगर परिषद के मुख्य गेट पर कूड़े का ढेर लगा हुआ था। अतिक्रमण हटाने की मुहिम को बार-बार स्थगित करने वाली नगर परिषद के पार्षद मुंबई की सैर करने जा रहे हैं। एक वक्त था जब नाहन नगर परिषद आर्थिक कंगाली का रोना रोती थी। लेकिन अब ऐसा भी वक्त आ गया है कि पार्षद शहर में गंदगी को छोड़कर मुंबई जा रहे है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि पंचायती राज संस्था के प्रतिनिधि भी सैर सपाटे को जाते हैं। लेकिन अब क्या पार्षद मुंबई जाकर लोगों को यह बताएंगे कि देश की दूसरी सबसे पुरानी उस नगर परिषद से आए हैं, जहां गंदगी के ढेर चारों तरफ नजर आते हैं।
जेबीटी स्कूल से एचडीएफसी बैंक तक बिछाई गई टाइलों में भी कथित घोटाले की बू आ रही है। सवाल इस कारण उठ रहा है, क्योंकि टाइलें कई जगह से उखड़ चुकी है। चर्चा तो इस बात की भी है कि 80 लाख रुपए खर्च किए गए हैं।