नाहन: प्रदेश में उपचुनाव को लेकर आचार संहिता लागू होने का वक्त करीब है। पच्छाद उपचुनाव को लेकर भी हलचल तेज हो चुकी है। जहां तक कांग्रेसी खेमे का सवाल है तो यहां जीआर मुसाफिर के अलावा टिकट का चाहवान कोई ओर नहीं है,लेकिन बीजेपी में टिकट के तलबगारों की सूची लंबी होती जा रही है। इसी कड़ी में राजगढ़ क्षेत्र के रहने वाले शास्त्री प्रेम सिंह कश्यप का नाम भी शामिल हो गया है।
अहम बात यह है कि पहली मर्तबा गिरिपार से टिकट की मांग प्रबल होती जा रही है। पच्छाद हलके के गिरिपार से सबसे पहला नाम आशीष सिक्टा का उभरा था। इसके अलावा रीना कश्यप भी दावेदारी की फेहरिस्त में है। शास्त्री प्रेम सिंह कश्यप का संबंध पझौता व रासूमंदर इलाके से है। दावा यह भी है कि इस इलाके की 10 पंचायतें शास्त्री के नाम पर सहमति बना चुकी हैं।
बताया गया कि इस इलाके में14,385 मतदाता हैं। गिरिपार का दावा इस कारण भी ठोस बताया जा रहा है, क्योंकि गिरिआर से सुरेश कश्यप विधायक से सांसद बन चुके हैं,जबकि बलदेव भंडारी को विपणन बोर्ड का अध्यक्ष भी बनाया जा चुका है। 10 साल से संस्कृत के शिक्षक के तौर पर कार्यरत प्रेम सिंह शास्त्री छात्रों को संस्कृत विषय में निपुण बनाने में निरंतर प्रयासशील हैं।
सोशल मीडिया में गिरिपार क्षेत्र के प्रबुद्ध लोगों की भी ऐसी पोस्ट आ रही हैं, जिनमें साफ- साफ़ कहा जा रहा है कि इस बार मौका गिरिपार को दिया जाना चाहिए। इसमें भी कोई दो राय नहीं है कि मौजूदा जयराम सरकार ने गिरिआर क्षेत्र के विकास के लिए हलके में कार्यों की बौछार कर दी है। इस क्षेत्र से सांसद सुरेश कश्यप के करीबी रिश्तेदार के अलावा दयाल प्यारी को भी टिकट का दावेदार माना जा रहा है। कुल मिलाकर यह जरूर है कि इस बार भाजपा को टिकट को तय करने से पहले गहरा चिंतन करना होगा।