नाहन : शहर के समीपवर्ती गांवों के सिविलियन व सैन्य विवाद पर सकारात्मक नतीजे आने लगे हैं। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल इसके सूत्रधार बने हैं। वीरवार को सैन्य क्षेत्र में भूमि विवाद को लेकर उच्च स्तरीय बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष ने की। इसके अलावा उपायुक्त के साथ-साथ अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। सेना का पक्ष रखने के लिए चीफ ऑफ स्टाफ, वेस्टर्न कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल बाली मौजूद थे।
बैठक के दौरान 6 मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई, जिसमें बनोग-धारक्यारी सड़क की एनओसी बाबत चर्चा हुई। इस मुद्दे पर शीघ्र निर्णय लेने का आश्वासन सेना की तरफ से दिया गया। साथ ही सड़क में आने वाली भूमि की नपाई करके मामला केंद्र को अनुमति के लिए भेजने पर सहमति बनी। बैठक में 1979 में सेना को हस्तांतरित भूमि पर चर्चा हुई। दरअसल हस्तांतरित भूमि का एक हिस्सा मुजारों के पास था। इसके अलावा रास्ते इत्यादि भी थे। सेना की मांग रही है कि भूमि की कमी को हिमाचल सरकार पूरा करे। इस पर सैद्धांतिक स्वीकृति को बैठक में बना लिया गया। मुजारों व कब्जाधारियों का आंकड़ा लगभग 120 एकड़ है।
बैठक में सैन्य क्षेत्र में मकानों की रिपेयर व नवीनीकरण के लिए सामग्री लाने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। इससे पहले भवन सामग्री ले जाने में कई प्रकार की दिक्कतें आती थी। पहले अनुमति का कार्य उपायुक्त के स्तर पर किया जाता था, लेकिन अब एसडीएम को अधिकृत किया गया है। विवाद को लेकर 6 महीने में होने वाली बैठक अब 3 महीने में होगी। पहले भवन मेंनटेनेंस से जुड़ी अवधि 3 माह निर्धारित थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 6 महीने कर दिया गया है। आने वाले समय में इसे एक वर्ष करने का भी प्रस्ताव है।
क्षेत्र में रास्तों व मंदिरों आदि के आवागमन में जनता को कोई भी रूकावट न होने की दिशा में भी सेना ने गंभीरता दिखाने को सैद्धांतिक तौर पर स्वीकार किया है। सेना द्वारा निर्मित किए जा रहे ईसीएच अस्पताल के निर्माण में आ रही बाधा को दूर करने के लिए आमजन के लिए यहां से रास्ते के निर्माण करने पर भी परस्पर सहमति बनी है।