नाहन : हिमाचल प्रदेश के सिंबलवाड़ा नेशनल पार्क में भारतीय प्राणी विज्ञान सर्वेक्षण (Zoological Survey of India) को मछली की एक नई प्रजाति मिली है। चंद साल पहले ही सिंबलवाड़ा को नेशनल पार्क का दर्जा मिला था। अहम बात यह है कि भारतीय प्राणी विज्ञान सर्वेक्षण को हाल ही में देश में मछली की दो नई प्रजातियां मिली हैं। इसमें से एक हिमाचल से भी पाई गई है।
जानकारी के मुताबिक सिंबलवाड़ा की नदी में पाई गई गारा सिम्बला रेंसिस (Garra Simbalbaraensis) मछली की लंबाई 69 एमएम है। भारतीय प्राणी विज्ञान सर्वेक्षण ने 17 अगस्त के आसपास इस बात का खुलासा किया था कि देश के उत्तर पूर्वी व उत्तरी हिस्सों में मछली की दो नई प्रजातियों की खोज की गई है। दोनों मछलियों की प्रजातियां सुदूर इलाकों से मिली हैं। उल्लेखनीय है कि सिंबलवाड़ा के अलावा भारतीय प्राणी विज्ञान सर्वेक्षण की टीम को मछली की दूसरी प्रजाति म्यांमार की सीमा पर मिजोरम के चंपई जिले में मिली है। इसकी खोज कलादान नदी में की गई है।
सिंबलवाड़ा में पाई गई मछली की नई प्रजाति में कुछ ऐसी खासियत भी है जो पानी में उसे पैंतरेबाजी में अधिक मदद करती है। दीगर बात यह भी है कि सिरमौर के सिंबलवाड़ा में पाई गई मछली की नई प्रजाति का नाम भी सिंबलवाड़ा से जोड़ कर रखा गया है।
विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि हिमालय व भारत के उत्तर पूर्वी हिस्सों में मछलियों की उत्पत्ति का विकास संभव था। सिंबलवाड़ा में मिली मछली की प्रजाति को गारा सिम्बला रेंसिस बताया गया है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में सिंबलवाड़ा नेशनल पार्क ही एकमात्र वन्य प्राणी क्षेत्र है। जहां पड़ोसी राज्य उत्तराखंड से हाथी भी नियमित तौर पर आने लगे हैं। यह अलग बात की है कि पिछले 3 सप्ताह से हाथी इस इलाके में तबाही भी मचा रहे हैं। ऐसी भी संभावना रहती है कि उत्तराखंड के राजा जी नेशनल पार्क की तरफ से कई मर्तबा सिंबलवाड़ा नेशनल पार्क में टाइगर भी दाखिल होता हैं। इस क्षेत्र को तितलियों के लिए भी विकसित करने की कोशिश हुई थी, लेकिन धरातल पर कोशिश व्यवहारिकता में नहीं बदली। गारा सिम्बलारेंसिस मछली के अलावा 1998 से अब तक वैज्ञानिकों ने मछली की 4 नई प्रजातियों की खोज की है।
इसमें अब मिली दो प्रजातियां अलग हैं। वन्य प्राणी विशेषज्ञ कंवर अजय बहादुर सिंह ने कहा कि यह बेहद ख़ुशी की बात है कि हिमाचल में मछली की नई प्रजाति पाई गई है, जो वैज्ञानिको के बीच चर्चा का विषय है। सूबे के वन्य प्राणी विभाग की भी बांछे खिली हुई है। वाइल्ड लाइफ के सीसीएफ सुशील कापटा ने कहा कि विगत सालो में विभाग ने सिंबलवाड़ा नेशनल पार्क में जल निकायों की संख्या में काफी इजाफा किया है।
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