शिमला : हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार को शोक उद्गार के साथ आरंभ हुआ। विधानसभा के पूर्व सदस्यों पंडित शिवलाल, चौधरी विद्या सागर, शिव कुमार उपमन्यु और रानी पदमा के निधन पर शोक उद्गार प्रकट किया गया। इसके साथ ही पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित तथा भूस्खलन से मारे गए लोगों को भी श्रद्वांजलि दी गई। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री की तरफ से कांग्रेस के एक विधायक के निजी सुरक्षा अधिकारी पर पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ कार्य स्थगन प्रस्ताव लाया गया। लेकिन स्पीकर राजीव बिंदल ने विपक्ष को इसकी अनुमति नहीं दी। जिस पर सदन में नारेबाजी शुरू हो गई। दोनों ओर से शोर-शराबा हुआ।
कांग्रेस के विधायकों ने बैल में आकर काफी देर तक नारेबाजी की। सदन में माहौल बिगड़ता देख स्पीकर राजीव बिंदल ने 3ः25 बजे सदन की कार्रवाई को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। इसके बाद जब सदन की कार्रवाई फिर शुरू हुई, तो विपक्ष ने अपनी मांग पर फिर हंगामा करना शुरू कर दिया और सदन से वाकआउट कर गए। सदन के नेता व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विपक्ष के रवैया की आलोचना करते हुए कहा कि पूरा विपक्ष माफिया को संरक्षण दे रहा है। मुख्यमंत्री ने विपक्ष द्वारा उठाए गए मामले पर वस्तुस्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि कांग्रेस के विधायक पर कार्रवाई करने के विपक्ष के आरोप निराधार हैं।
सरकार की तरफ से माफिया के खिलाफ कार्रवाई की गई है, विधायक के खिलाफ नहीं। मुख्यमंत्री ने आक्रामक अंदाज में कहा कि पूरा विपक्ष माफिया को संरक्षण देने में लगा है, जो कि बेहद ही विचित्र परिस्थिति है। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसा कि विपक्षी विधायकों की इसी हरकत को देखते हुए प्रदेश की जनता ने उन्हें सत्ता से बेदखल किया है।