राजगढ़ : शहीद के अपमान को लेकर राजगढ़ उपमंडल के हाब्बन से बेहद विचलित करने वाली खबर आई है। एक ओर पूरा देश, स्वतंत्रता का जश्न मना कर शहीदों की कुर्बानियों को याद कर रहा था। वहीं दूसरी ओर एक मां जो अपने शहीद पुत्र के शव आने पर अपने आंसू पी गई थी, आज वो आंसू 17 साल बाद फूट पड़े और थमने का नाम नहीं ले रहे थे। ये आंसू, बेटे के गम में ही नहीं बह रहे थे, बल्कि शहीद बेटे की प्रतिमा को तोड़ने वालों की संवेदनहीनता के बाद दोहरे दुख में बह रहे थे।
देश पर कुर्बान होने वालों की ऐसी दुर्दशा देख कर मां विद्या देवी ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि बेटे को खोने के बाद उसकी प्रतिमा को भी खोना पड़ेगा। यहां शहीद पार्क में स्थापित शहीद हितेश कुमार की प्रतिमा को शरारती तत्वों ने तोड़ डाला। प्रतिमा की गर्दन को धड़ से अलग कर दिया गया। समूचे इलाके में इस शर्मनाक घटना की निंदा हो रही है। 2002 में अविवाहित हितेश कुमार ने मां भारती की रक्षा में एक ऑपरेशन के दौरान अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे।
इसी क्षेत्र से भीम सिंह ठाकुर ने भी शहादत को चूमा था। लिहाजा दोनों शहीदों की प्रतिमाओं को एक पार्क में स्थापित कर दिया गया। इस शर्मनाक घटना का दर्दनाक पहलू यह भी है कि जब समूचा देश 73वें स्वतंत्रता दिवस के जश्न में डूबा हुआ था तो इस इलाके के शरारती तत्व इस तरह की घटना को अंजाम दे रहे थे। मामले ने तूल पकड़ लिया है।
गांव के एक प्रतिनिधिमंडल ने शहीद के भाई राजेश शर्मा के नेतृत्व में इस बाबत राजगढ़ के तहसीलदार को शिकायत सौंपी है। साथ ही पुलिस को भी इस घटिया कृत्य को लेकर आपराधिक मामला दर्ज करने की गुहार लगाई है।
उपायुक्त को भी फैक्स के माध्यम से शिकायत भेजी गई है। गांव के रहने वाले बलवीर सिंह ने फोन पर एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में कहा कि सोचिए उस परिवार पर क्या गुजर रही होगी, जिनके जवान बेटे ने देश के लिए शहादत दी। आज 17 साल बाद उनके जख्म फिर से हरे हो गए। उन्होंने बताया कि शहीद बेटे की मां विद्या देवी भी जीवित है। साफ लहजे में ग्रामीणों का यह भी कहना था कि इस कृत्य को कतई भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तान की सेना भारत के एक सैनिक का सिर काट कर ले गई तो उसके बदले 10 की मांग की जाती है, लेकिन विडंबना यह है कि आज सिर भी अपना है और इस कृत्य को अंजाम देने वाले भी अपने ही हैं।
उधर जिला परिषद सदस्या शकुंतला प्रकाश ने बताया कि वन विभाग द्वारा निर्मित शहीद पार्क में शराबियों का अड्डा बन चुका है, जहां ऐसे कारनामें होते ही रहेंगे। जिला परिषद सदस्या के अतिरिक्त पझोता स्वतंत्रता सेनानी कल्याण परिषद के अध्यक्ष जयप्रकाश चौहान, शहीद हितेश के भाई राजेश शर्मा, शहीद भीमसिंह के भाई ओम सिंह, समाजसेवी बलबीर भगनाल तथा रतनसिंह ठाकुर, उप प्रधान रमेश ठाकुर ने कहा कि ऐसे कृत्य पूर्णतया अपराध और हत्या की श्रेणी में आते हैं, इसलिए इस निंदनीय घटना की गहनता से जांच की जाए। राजगढ़ पुलिस के अनुसार शहीद हितेश की प्रतिमा का टूटा हुआ शीश, साथ लगते एक जोहड़ से बरामद हुआ है।