मंडी: प्रदेश में तहसील कल्याण अधिकारी द्वारा जरूरतमंद लाभार्थियों की सवा करोड़ रूपए की पैंशन व विवाह प्रोत्साहन राशि ड़कारने का बड़ा घोटाला सामने आया है। मामला संज्ञान में आने के बाद विभाग ने आरोपी तहसील कल्याण अधिकारी के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई है। यह एफआईआर निदेशक समाज कल्याण विभाग हिमाचल प्रदेश से आए आदेशों के बाद जिला कल्याण अधिकारी मंडी द्वारा करवाई गई।
जानकारी अनुसार वर्ष 2017 के अंत में एक मामला जोगिंदरनगर में अतर्राजातीय विवाह की मिलने वाली प्रोत्साहन राशि को लेकर आया था। सुनीता पत्नी रिंकू ने जब अपनी अंतर्राजातीय शादी की मिलने वाली प्रोत्साहन राशि समय अविधि बीत जाने पर भी नहीं मिली तो उसने शिकायत दर्ज करवाई। विभाग ने जब सरसरी तौर पर मामला देखा तो पाया कि सुनीता को तो कागजों में राशि दी जा चुकी है, मगर वास्तव में उसे नहीं मिली थी। इस पर जब मामले की परतें उधेड़ी गई तो यह करोड़ों का गोलमाल निकला।
अगस्त 2018 में जिला स्तर पर इसकी जांच करवाई गई तो यह गोलमाल लगभग सवा करोड़ से ऊपर चला गया। बाद में मामला सुर्खियों में आ जाने से राज्य स्तर की टीम ने इसकी जांच की तो गोलमाल 1 करोड़ 40 लाख के आसपास पाया गया। कई तरह के दबाव के चलते अब तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। मगर जब मामला फिर से सुर्खियों में आने लगा तो सरकार ने इस पर तत्काल कार्रवाई करने के आदेश निदेशक सामाजिक कल्याण विभाग को दिए। उन्होंने जिला कल्याण अधिकारी को आदेश दिए कि वह मामले में एफआईआर दर्ज करवाई। शुक्रवार को यह मामला जोगिंदरनगर में दर्ज हो गया। एफआईआर तत्कालीन तहसील कल्याण अधिकारी के खिलाफ हुई है जो अभी भी एक उच्च पद पर कार्यरत हैं। इस बारे में जब जिला कल्याण अधिकारी लेख राज वैद्य से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि वह इस बारे में निदेशक ही अधिकारिक सूचना दे सकते हैं। उन्होंने मामले की एफआईआर जोगिंदरनगर थाने में दर्ज किए जाने की पुष्टि की है। सामाजिक पेंशनों को गोल करने का यह प्रदेश का सबसे बड़ा मामला माना जा रहा है।
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