एमबीएम न्यूज़/शिमला
राजधानी के मॉल रोड पर स्थित मशहूर बालजीज रेस्तरां बुधवार को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया। आखिरी दिन भी पर्यटकों व लोगों ने यहां के गुलाब जामुन का लुत्फ उठाया। एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में बालजीज रेस्तरां की मालिक रेणु बालजीज आज भाजपा में शामिल हो गईं। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज की मौजूदगी में रेणु बालजीज ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली।
सुरेश भारद्वाज ने बताया कि रेणु बालजीज एक कुशल उद्यमी के साथ-साथ समाज सेवी भी हैं और उनके भाजपा में आने पर पार्टी को बल मिलेगा। बालजीज रेस्तरां के सफलतापूर्व संचालन का श्रेय रेणु को जाता है। यह रेस्तरां सन 1954 में चंद्र बालजीज ने प्रारंभ किया था। सन 1996 में पति की मृत्यु के बाद से रेणु बालजीज ने खुद इस रेस्तरां को चलाना शुरू किया और लजीज व्यंजनों व मिठाइयों ने दूर-दूर तक अपनी धाक जमा दी। रेणु बालजीज के कुशल कौशल का यह नतीजा रहा कि शिमला घूमने आने वाली जानी-मानी हस्तियां, देशी-विदेशी पर्यटक और स्थानीय लोग मॉलरोड पर टहलने के बाद बालजीज के गुलाब जामुन और पेस्ट्री का स्वाद चखना नहीं भूलते।
मॉल रोड की शान बन चुके इस नामी रेस्तरां को सर्वोच्च न्यायालय के फरमान के बाद बंद करना पड़ा है। दरअसल बालजीज रेस्टोरेंट किराए के भवन में चल रहा था तथा इसके मालिक ने रैस्टोरेंट को खाली करवाने के लिए कई साल पहले सुप्रीम कोर्ट में मुकद्मा था। इस रैस्टोरेंट का प्रति माह किराया डेढ़ लाख के करीब है, जबकि संपति मालिक 25 लाख प्रति माह किराए की मांग कर रहे थे। लेकिन बालजीज प्रबंधक ने इतना किराया देने से इंकार कर दिया था। वर्तमान में इस रैस्टोरेंट में 70 के करीब कर्मचारी कार्यरत हैं। रैस्टोरंट के बंद होने की वजह से ये तमाम कर्मचारी अब बेरोजगार हो गए हैं।
श्रमिक संगठन सीटू के बैनर तले इन कर्मचारियों ने बुधवार को बालजीज रेस्टोरेंट प्रबंधन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने बालजीज प्रबंधन पर वहां कार्यरत मजदूरों की आर्थिक देनदारियां न देने का आरोप लगाया। मजदूरों ने कई घण्टे तक जोरदार नारेबाजी की व धरने पर बैठ गए।
सीटू जिला महासचिव विजेंद्र मेहरा ने उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश से मजदूरों के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए हस्तक्षेप करने व 12 जुलाई 2018 के अपने ही आदेशों को लागू करवाने की मांग की है। उन्होंने बालजीज प्रबंधन को चेताया है कि अगर उसने मजदूरों की वित्तीय देनदारियां न दीं तो फिर प्रबंधन को मजदूरों के आंदोलन का सामना करना पड़ेगा।
विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि बालजीज रेस्तरां में मजदूर पिछले 43 वर्षों से कार्यरत हैं। उन्होंने पूरी जिंदगी इस रेस्तरां के व्यापार को ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए लगा दी। इसके बावजूद आज बालजीज प्रबंधन रेस्तरां के बन्द होने पर मजदूरों के अधिकारों को देने से आनाकानी कर रहा है। प्रबंधन माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों को ठेंगा दिखा रहा है। यह प्रबंधन पूरी तरह देश के कानून का मजाक उड़ा रहा है।
उन्होंने जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन से मांग की है कि वे हिमाचल उच्च न्यायालय के आदेशों की पालना करवाएं व उसकी अवहेलना करने पर बालजीज प्रबंधन पर कॉंटेम्पट ऑफ कोर्ट्स एक्ट के तहत न्यायालय की अवहेलना करने का मुकद्दमा दर्ज करें व कानूनी कार्रवाई अमल में लाएं। उन्होंने चेताया है कि अगर मजदूरों के अधिकार सुनिश्चित न किये गए तो सीटू के नेतृत्व में मजदूर निर्णायक आंदोलन की ओर बढ़ेंगे।