एमबीएम न्यूज़/ शिमला
शिमला के मशहूर बालजीज रेस्टोरेंट के बन्द होने पर इसमें कार्यरत 70 कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं। श्रमिक संगठन सीटू के बैनर तले इन कर्मचारियों ने बुधवार को माल रोड पर प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने बालजीज प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के फरमान के बाद बालजीज रेस्टोरेंट को बंद करने की प्रक्रिया चल रही है। अगले दो-तीन दिनों में यह विख्यात रेस्टोरेंट हमेशा-हमेशा के लिए बंद हो जाएगा। सीटू ने बालज़ीज़ प्रबंधन पर कर्मचारियों की आर्थिक देनदारियां न देने का आरोप लगाया है।
सीटू जिला महासचिव विजेंद्र मेहरा ने उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश से मजदूरों के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए हस्तक्षेप करने व 12 जुलाई 2018 के अपने ही आदेशों को लागू करवाने की मांग की है। उन्होंने बालज़ीज़ प्रबंधन को चेताया है कि अगर उसने मजदूरों की वित्तीय देनदारियां न दीं तो फिर प्रबंधन को मजदूरों के आंदोलन का सामना करना पड़ेगा। विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि बालज़ीज़ रेस्तरां में कर्मचारी पिछले 43 वर्षों से कार्यरत हैं।
उन्होंने पूरी जिंदगी इस रेस्तरां के व्यापार को ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए लगा दी। इसके बावजूद आज बालज़ीज़ प्रबंधन रेस्तरां के बन्द होने पर मजदूरों के अधिकारों को देने से आनाकानी कर रहा है।
प्रबंधन माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों को ठेंगा दिखा रहा है। यह प्रबंधन पूरी तरह देश के कानून का मज़ाक उड़ा रहा है। उन्होंने जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन से मांग की है कि वे हिमाचल उच्च न्यायालय के आदेशों की पालना करवाएं व उसकी अवहेलना करने पर बालज़ीज़ प्रबंधन पर कॉंटेम्पट ऑफ कोर्ट्स एक्ट के तहत न्यायालय की अवहेलना करने का मुकद्दमा दर्ज़ करें व कानूनी कार्रवाई अमल में लाएं। उन्होंने चेताया है कि अगर मजदूरों के अधिकार सुनिश्चित न किए गए तो सीटू के नेतृत्व में मजदूर निर्णायक आंदोलन की ओर बढ़ेंगे।
गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद बालजीज रेस्टोरेंट को बन्द किया जा रहा है।
यह रेस्टोरेंट किराए के भवन में चल रहा था। इसके मालिक ने रेस्टोरेंट को खाली करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में केस किया था। रेस्टोरेंट का प्रति माह किराया डेढ़ लाख के करीब है, जबकि संपति मालिक 25 लाख प्रति माह किराए की मांग कर रहे थे। लेकिन बालजीज प्रबंधक ने इतना किराया देने से इंकार कर दिया था। ऐसे में अदालत के आदेश पर बालजीज प्रबंधक ने 10 जुलाई को अंतिम वर्किंग डे तय किया है और अगले पांच दिन इसे खाली करने के लिए रखे गए हैं। सन 1954 में स्थापित यह रेस्टोरेंट अपने लजीज व्यंजनों और मिठाइयों के लिए मशहूर है।