एमबीएम न्यूज/हमीरपुर
सिरमौर जिला के नाहन के बाद अब हमीरपुर में डाकघर एजेंट द्वारा गबन का मामला सामने आया है। हमीपुर के भोरंज क्षेत्र के उपडाकघर भरेड़ी में लघु बचत योजना के तहत आरडी एवं एफडी का काम करने वाले एजेंट ने जाली पास बुक बना कर करीब 60 लाख रूपए का गबन कर दिया है। पता चलते ही डाकघर अधिकारियों के कान खड़े हो गए वहीं इस एजेंट के पास आरडी एवं एफडी करवाने वालों में हडकंप मच गया। बताया जा रहा है कि ये राशि शुरूआती जांच में ही सामने आई है, छानबीन में ये राशि अधिक बढ़ सकती है। मिली जानकारी अनुसार पवन कुमार पुत्र प्रेमचंद निवासी गांव भुक्कड़ लघु बचत योजना के तहत आरडी एवं एफडी के एजेंट के रूप में वर्ष 2009 से काम करता है। इसकी पत्नी इससे भी पहले की एजेंट है। इतने वर्षों में ये एजेंट लोगों के पैसे डकारता रहा, लेकिन किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। इसकी भनक उस समय लगी जब एक ग्राहक ने डाकघर जाकर अपने खाते के बारे में जानकारी लेनी चाही। उसे बताया गया कि ऐसा कोई उसके नाम पर खाता ही नहीं है। बात सामने आते ही उसने एजेंट से अपने खाते के बारे में जानना चाहा तो वो आनाकानी करने करने लगा। इसके बाद पता चलते ही जब अन्य लोगों ने भी अपने खातों के बारे में जानना चाहा तो उन्हें कुछ हाथ आता नहीं लगा। इस संदर्भ में थाना भोरंज में विशाल पुत्र हेमराज निवासी गांव बेरी ब्राह्मण सहित कई अन्य लोगों ने शिकायत दर्ज करवाई कि एजेंट पवन कुमार ने इन्हें झांसे में लेकर इनके जाली आरडी एफ डी के खाते बनवाकर इन्हें धोखा देकर इनके पैसे का गबन किया है। बताया जा रहा है कि उक्त एजेंट डाकघर की ही पुरानी पास बुकों पर आगे फर्जी अकाऊंट चलाकर लोगों के पैसे खाता रहा।
इस बारे में उपडाकघर भरेड़ी के सब पोस्टमास्टर जोगिंद्रा देवी का कहना है कि जब एक ग्राहक अपने खाते का पता करने डाकघर पहुंचा तो उसका खाता वहां नही मिला जिस पर उक्त एजेंट पर शक हुआ। उक्त एजेंट ने पुरानी पास बुकों को दोबारा से प्रयोग किया है, जिसकी जानकारी उन्हें अन्य लोगों की पासबुक से मिली थी। ये पासबुकें उनके पास कहां से आई इसकी उन्हें जानकारी नहीं है। जारी की गई पासबुकों पर उनके हस्ताक्षर नहीं हैं। उधर, पुलिस थाना भोरंज एसएचओ कुलवंत सिंह ने बताया के इस एजेंट के बारे में कई शिकायतें आई हैं। मामला दर्ज कर आरोपी को न्यायलय में पेश किया गया, जहां उसे 6 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में 50 से 60 लाख रुपए के गबन का पता चला है।