अमरप्रीत सिंह/सोलन
प्रदेश में बढ़ते बस हादसों के चलते सरकार की तरफ से एचआरटीसी और प्राइवेट बसों की ओवर लोडिंग पर की जा रही कार्रवाई का खामियाजा यात्रियों सहित स्कूल-कॉलेज के हजारों छात्रों सहित शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है। इसका मुख्य कारण सरकारी बसों की कमी है। सरकार की सख्ती से सोलन-नाहन और सोलन-सराहां रूट पर रोज आवाजाही करने वाले यात्रियों खासकर स्कूली छात्रों, कर्मचारियों और शिक्षकों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
कर्मचारी तो जैसे-तैसे प्राइवेट व निजी वाहनों से कार्यालय पहुंच जाते हैं। वहीं स्कूली व कॉलेज के छात्रों को बैठाने के लिए सरकार व प्राइवेट बस चालक तैयार नहीं है। लोगों को कहना है कि यदि सरकार को लोगों की सुविधा और सुरक्षा का इतना ही ध्यान है तो प्रभावित रूटों में नई बसें चलानी चाहिए।
यात्रियों ने सरकार को भेजी शिकायत
सराहां बस स्टैंड में सोमवार शाम को सवारियां नहीं बैठाने को लेकर हुए विवाद से रोहडू रूट की एचआरटीसी बस करीब पौने घंटे खड़ी रही। दरअसल हरिद्वार-रोहडू रूट की बस में जब सोलन की तरफ आने वाले यात्री चढऩे लगे तो चालक व परिचालक ने उन्हें रोक दिया। उन्होंने स्कूल व कॉलेज के छात्रों को भी बस में चढऩे से रोका। तर्क दिया गया कि बस में 37 सवारियां ही बैठेगी। यात्रियों ने इसका विरोध किया तो चालक ने बस चलाने से मना कर दिया।
चालक की मनमानी से शिमला की तरफ जाने वाले यात्री भी परेशान हुए। यात्रियों ने पूरे मामले की शिकायत लॉग बुक के माध्यम से सरकार व निगम को भेजी। साथ ही सरकार से सोलन-सराहां और नाहन रूट में सरकारी बसों की संख्या बढ़ाने की मांग की है। लोगों का कहना है कि सरकार सड़कों की हालत सुधारने और नई बसें शुरू करने के बजाए यात्रियों की परेशानी बढ़ा रही है। लोगो ने सरकार को भेजी शिकायत में कम बसों वाले रूटों में नई बसें चलाने से साथ बसों की क्षमता के मुताबिक सवारियां बैठाने की सुविधा देने की मांग की है।