जीता सिंह नेगी/रिकांगपिओ
इन दिनों पहाड़ो पर हो रही तेज बारिश के कारण किन्नौर में भी कई नदी नाले उफान पर है। नतीजन नुकसान की घटनाएं भी सामने आ रही हैं। बीते चार दिनों से किन्नौर जिला के यूला खड्ड का जलस्तर बढ़ने से रांगले नामक स्थान पर पुराना हिंदुस्तान-तिब्बत सड़क मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है। जलस्तर इतना अधिक बढ गया है कि पानी अस्थाई पुल के ऊपर से बह रहा है। सड़क के दोनों किनारे भी तेजी से टूटने शुरू हो गए हैं।
इस स्थान पर सड़क मार्ग के अवरुद्ध होने से क्षेत्र के ग्रामीणों विशेषकर स्कूली बच्चों व बुजुर्गों को जान जोखिम में डाल कर अवरुद्ध मार्ग पार करना पड़ रहा है। रविवार शाम तब एक बड़ी घटना होते होते बची, जब कुछ लोग वाहन को पार करने की कोशिश कर रहे थे। पानी के तेज बहाव में खड्ड पार न कर पाने की सूरत में ग्रामीण जेसीबी मशीन में बैठ के खड्ड पार करने को मजबूर हुए।
मीरु पंचायत प्रधान किरण नेगी ने बताया कि मीरु पंचायत क्षेत्र के अधीन रांगले नामक स्थान पर पानी का जलस्तर बढ़ने से पानी अस्थाई पुल के ऊपर से गुजरने से सड़क मार्ग अवरुद्ध होने की सूचना पीडब्ल्यूडी विभाग को दिए जाने के बाद भी विभाग मार्ग बहाली पर गंभीर नहीं हैं। क्षेत्र के लोगों को जान जोखिम में डाल कर अवरुद्ध मार्ग पार करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि पीडब्ल्यूडी विभाग की लेटलतीफी को देखते हुए सोमवार को पंचायत द्वारा अपने स्तर पर जेसीबी मशीन मंगवा कर मार्ग को बहाल करने का प्रयास किया गया, लेकिन मार्ग बहाल नहीं हो पाया।
खड्ड पार करते मीरु के ग्रामीणउन्होंने बताया कि यदि पीडब्ल्यूडी विभाग अस्थाई पुल के नीचे लगे क्लबटो में फंसे पत्थरों को निकालता है तो समस्या का समाधान हो सकता है, लेकिन विभाग कुछ करने को ही तैयार नही है। उन्होंने रोष व्यक्त किया कि पीडब्ल्यूडी विभाग भावानगर द्वारा मीरु पंचायत साथ लगतीअन्य पंचायतो के ग्रामीणों के साथ की जा रही उपेक्षा का जवाब आगामी जनमंच कार्यक्रम के दौरान प्रदेश सरकार के मंत्री के समक्ष पूछा जाएगा। उन्होंने बताया कि अनदेखी के कारण यदि इस स्थान पर कोई बड़ी घटना घटती है तो उस का सीधा जिम्मेदार स्वयं विभाग होगा।