एमबीएम न्यूज़/ नाहन
भगवान श्री जगन्नाथ की 11वी भव्य शोभा यात्रा आज नाहन शहर में निकाली गई। जिसमें सैंकड़ों की तादाद में शहर व अन्य स्थानों से आए श्रद्धालुओं द्वारा भगवान श्री जगन्नाथ के रथ को खींचकर पुण्य प्राप्त किया गया। शोभा यात्रा का नेतृत्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ0 राजीव बिंदल ने किया।
भगवान श्री जगन्नाथ जी की रथ यात्रा में पालकियों को उठाए डॉ राजीव बिंदलइससे पहले उन्होंने नाहन शहर के बड़ा चौक स्थित भगवान श्री जगन्नाथ के प्राचीन मंदिर में पूजा अर्चना की और हवन यज्ञ में पूर्णाहुति डाली। उसके उपरांत डॉ0 बिंदल द्वारा प्राचीन मंदिर से भगवान बलभद्र के विग्रह को सिर पर उठाकर पालकी में रखकर शोभा यात्रा में परिवार सहित भाग लिया। इस शोभा यात्रा में भगवान श्री जगन्नाथ, बलभद्र और बहन सुभद्रा के विग्रह का आशिर्वाद पाने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। भजन और कीर्तन से वातावरण भक्तिमय हुआ।
लोग भगवान श्री जगन्नाथ के दर्शन और रथ को खींचने के लिए काफी आतुर थे। इस अवसर पर डॉ0 बिंदल ने अपने संबोधन में कहा कि लगभग चार सौ वर्ष पूर्व महान संत बनवारी दास द्वारा भगवान जगन्नाथ मंदिर की स्थापना और महान संतो द्वारा की गई माता काली की स्थापना के उपरांत ही नाहन शहर अस्तित्व में आया था। जिसका साम्राज्य हरिद्वार और कालका तक बढ़ता चला गया। उन्होने कहा कि इस प्राचीन मंदिर में लोगों की अगाध आस्था व श्रद्धा जुड़ी हैं।
हर वर्ष भगवान जगन्नाथ की यात्रा में रथ को खींचना अपना अहोभाग्य मानते हैं। लोगों का विश्वास है, कि भगवान जगन्नाथ के रथ की रस्सी खीचनें से सभी पापों का नाश होता है। मनुष्य में सकारात्मक सोच का सृजन होता है। डॉ0 बिंदल ने कहा कि नाहन हिमाचल प्रदेश की एक ऐतिहासिक धरोहर है। जहां पर अनेक प्राचीन स्मारक व तालाब है।
जो इस शहर के इतिहास और संस्कृति के परिचायक है। उन्होने कहा कि नाहन शहर को पर्यटन की दृष्टि से धरोहर शहर विकसित करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया गया है। ताकि देश-विदेश से पर्यटक आकर नाहन शहर की ऐतिहासिक धरोहरो का भी अवलोकन कर सके। उन्होने कहा कि प्रदेश में स्थित प्राचीन देवालय, गुरूद्धारे, मस्जिदें और अन्य धार्मिक स्थल प्रदेश की समृद्ध संस्कृति के परिचायक है। जिनका सरंक्षण और संवर्धन करना अनिवार्य है। ताकि भावी पीढ़ी को अपनी संस्कृति व सभ्यता का बोध हो सके। उन्होने कहा कि प्रदेश में देवी-देवताओं के नाम पर आयोजित किए जाने वाले मेले व त्यौहार लोगों की श्रद्धा व आस्था के प्रतीक है।
जिनमें प्रदेश की संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। भगवान श्री जगन्नाथ की रथ यात्रा में गोडिए मठ चण्डीगढ, ऋषिकेश देहरादून और वृंदावन से आए अनुयायीओं ने भी भाग लिया। इस मौके पर डॉ0 राजीव बिंदल भगवान जगन्नाथ यात्रा मण्डल के अघ्यक्ष प्रकाश बंसल, मुनीष गर्ग, कीर्ति शर्मा, योगेश जैन, मोहन लाल, राकेश गर्ग सहित समिति के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।