एमबीएम न्यूज़/शिमला
राजधानी के आईजीएमसी अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचने वाले वरिष्ठ नागरिक अब सीधे ओपीडी में डॉक्टर के पास जा सकेंगे। अब उन्हें अपना पंजीकरण करवाने के लिए कतार में खड़े होने की आवश्यकता नहीं होगी। वरिष्ठ नागरिकों को आईजीएमसी में प्रत्येक शनिवार को विशेष ओपीडी द्वारा उपचार की सुविधा भी दी जाएगी। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल तथा कमला नेहरू अस्पताल कल्याण शाखा की रोगी कल्याण समितियों कि बैठक की अध्यक्षता करते हुए गुरूवार को दी।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज भी उपस्थित थे। विपिन परमार ने कहा कि आईजीएमसी में एक माह के भीतर किडनी प्रत्यारोपण (ट्रांसप्लांट) की सुविधा प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि वीआईपी रूम की सुविधा प्राप्त करने वाले रोगियों को अब 2,250 रुपए का शुल्क अदा करना होगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि बैठक में आई.जी.एम.सी. तथा कमला नेहरू अस्पताल में पैरा मेडिकल स्टॉफ तथा अन्य संबंधित कर्मचारियों के पदों की भर्ती जल्द से जल्द करने का मामला सरकार से उठाया जाएगा। ताकि अस्पताल प्रशासन तथा उपचाराधीन रोगियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। उपचार की मशीनरी के बेहतर रख-रखाव एवं जल्द मुरम्मत के लिए भी आवश्यक निर्देश दिए गए ताकि रोगियों के उपचार में किसी प्रकार का विलंब न हो। उन्होंने कहा कि इन अस्पतालों में उपचार से संबंधित सभी प्रकार के उपकरणों व यंत्रों की मुरम्मत के लिए स्थायी तौर पर मैकेनिक उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में अत्याधुनिक उपकरणों का क्रय किया जाना चाहिए।
उन्होेंने कहा कि आईजीएमसी की भांति केएनएच में भी विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य परीक्षणों की सुविधा प्रदान करने पर अति शीघ्र विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया अभियान के अंतर्गत आईजीएमसी शिमला में उपचार करवाने के लिए प्रदेश के किसी भी क्षेत्र के रोगी उपचार हेतु ऑनलाईन पंजीकरण करवाने की सुविधा प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी शिमला में उपचाराधीन 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगजनों के रोग से संबंधित सभी चिकित्सा परीक्षण (यूजिस चार्जिज) का भुगतान अब रोगी कल्याण समिति द्वारा किया जाएगा। आईजीएमसी में उपचार के लिए आने वाले रोगियों के वाहनों को संजौली चौक तक एक ओर पार्किंग की सुविधा प्रदान करने पर भी विचार किया जाएगा।