एमबीएम न्यूज/नाहन
अगर हाईकोर्ट के आदेश को नगर परिषद ने सही तरीके से अमलीजामा पहनाया तो परिषद की झोली में कुबेर का खजाना आ जाएगा। एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने 67 में से महज 15 उन अतिक्रमणकारियों के रिकॉर्ड को जुटाया, जिन्होंने 50 मीटर से अधिक भूमि पर अवैध कब्जा किया हुआ है। इसमें चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि कांशीवाला में शराब के कारोबारी ने 324.9 मीटर भूमि पर अवैध कब्जा किया हुआ है। हालांकि इस मामले में तर्क यह है कि बाऊंडरी वाल की वजह से कारोबारी अतिक्रमणकारी की सूची में दर्ज हुए हैं, लेकिन अहम बात यह भी है कि अगर नप को रास्ता देना भी है तो 8 से 10 फुट चौड़ा रास्ता दिया जा सकता है।
शिमला रोड पर एक महिला के नाम पर 322.30 मीटर अवैध कब्जा दर्ज है। इसके अलावा कांशीवाला में ही 226.05 मीटर का अवैध कब्जा है। अंकगणित में यह साबित हुआ है कि नगर परिषद की 2135.8 मीटर भूमि पर 15 व्यक्तियों ने कब्जा किया हुआ है। अब आप सोच रहे होंगे कि नगर परिषद की झोली में कुबेर का खजाना कैसे आएगा। दरअसल इन 15 मामलों में से करीब आधा दर्जन केस ऐसे हैं, जिसमें कब्जा हटाने के बाद नगर परिषद व्यवसायिक गतिविधि कर मोटी कमाई कर सकती है। अगर न्यूनतम 30 हजार रुपए मीटर भी भूमि का रेट तय हो तो इससे 15 ही मामलों में नगर परिषद को लगभग 6 करोड़ 40 लाख रुपए मिल जाएंगे।
ऐसा भी माना जाता है कि उत्तर भारत में नाहन शहर के बीच जमीन खरीदना बेहद ही टेढ़ी खीर है। अगर मार्किट वैल्यू के हिसाब से देखा जाए तो शहर में एक मीटर भूमि का भाव 30 हजार से लेकर 60 हजार तक हो सकता है। अतिक्रमण हटाने के अभियान के पहले दिन नगर परिषद ने हल्के कब्जों को हटाया है। सूत्रों का कहना है कि बड़े कब्जों को हटाने में कई दिन का वक्त चाहिए। लिहाजा, सोमवार को दूसरे चरण की कार्रवाई शुरू की जाएगी। सूत्रों का यह भी कहना है कि नगर परिषद को केवल बाऊंडरी वॉल हटाकर ही इतिश्री नहीं करनी चाहिए, अन्यथा बाद में मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। पहले दिन के अभियान में नगर परिषद ने 22 अवैध कब्जे हटाने का दावा किया है।
सवाल यह भी उठता है कि नगर परिषद यह कैसे सुनिश्चित करेगी कि दोबारा उन्हीं जमीनों पर अवैध कब्जे नहीं होंगे। कुल मिलाकर निष्कर्ष यह है कि अगर 67 अवैध कब्जों को हटाकर नगर परिषद सही तरीके से जमीनों को अपने कब्जे में लेती है तो खजाने में अपरोक्ष तौर पर 8 से 10 करोड़ रुपए की संपत्ति आ जाएगी। सनद रहे कि इस मामले में शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है।
उधर शराब कारोबारी का कहना है कि उन्होंने जमीन के इस्तेमाल को लेकर अनुमति ली हुई है। इसको लेकर जवाब दाखिल कर दिया गया है।