एमबीएम न्यूज़/नाहन
सिरमौर पुलिस ने एक सनसनीखेज वारदात का पर्दाफाश किया है। यकीन मानिए एक ऐसे शख्स को जिंदा कर दिया है जो 26 फरवरी 2019 को एक सड़क हादसे में मौत के आगोश में समा गया था। दरअसल हिसार के रहने वाले 48 वर्षीय कृष्ण कुमार पुत्र श्यामलाल ने अपनी मौत की एक खौफ़नाक साजिश रची थी। लेकिन कहते हैं कि कोई भी अपराध परफेक्ट नहीं होता, बशर्ते जांच एजेंसी अपराधी से एक कदम आगे की सोच रखें।
रौंगटे खड़े कर देने वाली इस वारदात में कृष्ण कुमार ने पहले एक मजदूर को मौत के घाट उतारा। उसके बाद उसकी लाश को लेकर ट्रांसगिरी क्षेत्र के सतौन इलाके के डांडा-पागर में एक कार (एचआर 20 ए ई 4546) में डालकर खाई में धकेल दिया। इससे पहले खौफनाक साजिश रचने वाले कृष्ण कुमार ने अपना ही खून सड़क पर बिखेर दिया। ताकि जांच एजेंसी को यह लगे कि मरने वाला शख्स कृष्ण कुमार ही है। आप यह जान कर हैरान हो जाएंगे कि बेरहमी से एक मजदूर की हत्या तो की गई। इसके बाद आरोपी ने उसका चेहरा बिगाड़ने के लिए केमिकल का भी इस्तेमाल किया। तफ्तीश में यह भी साफ हुआ है कि सर्जिकल ब्लेड का इस्तेमाल करते हुए मजदूर की गला रेत कर हत्या की गई थी।
जानकारी के मुताबिक क्राइम सीरियल देखने के बाद शातिर ने आपराधिक वारदात को अंजाम देने के लिए पूरी साजिश गहनता से रची। इसके लिए वह इस बात की भी रेकी करने आया था कि हत्या के बाद कार को कहां से धकेलना है। कई सप्ताह तक अपराध को अंजाम देने की तैयारी में लगा रहा। सूत्रों का यह भी कहना है कि शातिर कार के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद इसमें आग लगाना चाहता था। इसके लिए सिलेंडर भी लाया था। लेकिन इसमें वह कामयाब नहीं हो पाया।
क्या थी खौफ़नाक साजिश की वजह
हत्या की हर एक वारदात में कोई वजह होती है। वजह जानने की पुलिस को तलाश होती है। इस मामले में भी एक वजह सामने आई है। दरअसल खुद को मर चुका साबित करने वाला व्यक्ति इंश्योरेंस कंपनियों से कार दुर्घटना के बाद बीमा हासिल करना चाहता था। यह व्यक्ति कर्जों में डूबा हुआ था। हालांकि अब रिमांड के दौरान उससे यह पूछा जाएगा कि कितनी इंश्योरेंस थी। लेकिन मोटी जानकारी के मुताबिक इस शख्स के नाम पर तकरीबन 6 करोड़ की इंश्योरेंस पॉलिसी चल रही थी।
पुलिस को यह भी जानना है कि इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा यह राशि जारी की जा चुकी है या नहीं। अगर जारी की गई है तो किसके नाम पर रकम रिलीज़ हुई है। उल्लेखनीय है कि सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने वाले व्यक्ति को आज पावंटा साहिब की अदालत में पेश किया गया। जहां से उसे 8 जुलाई तक के रिमांड पर भेजा गया है। गौरतलब है कि करीब डेढ़ साल पहले भी नाहन के नवोदय स्कूल के समीप एक व्यक्ति की कार में जिंदा जलने से मौत हो गई थी। इसमें भी मोहाली क्षेत्र के जीरकपुर के रहने वाले एक व्यक्ति ने ठीक इसी तरह की साजिश को अंजाम दिया था। लेकिन इसमें भी पुलिस ने यह साबित कर दिखाया था कि पुलिस के हाथ अपराधियों से भी आगे होते हैं।
कैसे पहुंची पुलिस गिरेबान तक
ब्लाइंड मर्डर मिस्ट्री में शुरुआती दौर में पुलिस को लगा की दुर्घटना में एक ही व्यक्ति की मौत हुई है। लेकिन घटनास्थल पर पारिस्थितिकी हालात कुछ और ही इशारा कर रहे थे। सड़क पर बिखरे खून का मिलान लाश के खून से नहीं हुआ। यही बात पुलिस को खटक गई। इसके अलावा यह भी साफ हो गया कि गला रेता गया है। पुलिस ने जांच में यह भी पाया कि कार न्यूट्रल थी। अगर चलती कार का एक्सीडेंट हुआ होता तो लाजिमी तौर पर कार गियर में होनी चाहिए। यह वह तमाम बातें थी जिसने इस मुकदमे को आईपीसी की धारा 279, 304, 301 से 302 की तरफ मोड़ दिया। पुलिस ने भी खामोशी से जांच को आगे बढ़ाया। कुल मिलाकर इस मामले में शातिर अपराधी ने कई ऐसे सुराग छोड़ दिए थे जो पुलिस के लिए कारगर साबित हुए।
क्या कहते हैं पुलिस अधीक्षक
सिरमौर के पुलिस अधीक्षक अजय कृष्ण ने कहा कि वारदात का पर्दाफाश करने के लिए पुलिस काफी मेहनत कर रही थी। आरोपी को दिल्ली से दबोचा गया है। उन्होंने बताया कि शव की शिनाख्त के लिए जब परिवार वालों को बुलाया गया था तो उन्होंने भी शिनाख्त की थी। लेकिन शायद उसका बड़ा भाई इस साजिश से वाकिफ नहीं था। उसने लाश की शिनाख्त करने से भी इंकार किया था।