एमबीएम न्यूज़/ददाहू
स्वच्छ भारत मिशन की शुरूआत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि स्वच्छ भारत ही 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर उन्हे सर्वोत्तम श्रद्धांजलि होगी। 2 अक्टूबर, 2014 के दिन स्वच्छ भारत मिशन देश भर में व्यापक तौर पर राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में शुरू किया गया था। मगर ग्राम पंचायत ददाहू जैसी पंचायते सरकार की योजना को ठेंगा दिखा रही है। इन दिनों ददाहू के बाजार, गालियां और घरों के आसपास बस कचरा दिखाई दे रहा है। जहाँ सफाई व्यवस्था के लिए धन की कमी बताई जा रही है, वहीं निर्माण कार्यो पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है।
यही वजह है कि बिना किसी तकनीकि सलाह के बनाई गई गलियों और नालियों को बनाया और तोड़ा गया है। आने वाली बरसात के दिनों में जगह-जगह पानी भरने और बीमारियों फैलने की आंशका से भी इनकार नहीं किया जा सकता। खास बात यह है कि यह क़स्बा, भगवान परशुराम की जन्मस्थली का प्रवेश द्वार है। प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील से चंद किलोमीटर पहले कस्बे की ऐसी हालत देख कर आप भी दंग हो जाएंगे।
आरोप है कि स्थानीय जन प्रतिनिधि कांग्रेस समर्थित होने की वजह से भी सफाई व्यवस्था पर जान-बूझकर ध्यान नहीं दे रहे ताकि प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन को ठेंगा दिखाया जा सके। उल्लेखनीय हैं कि ग्राम पंचायत ददाहू का 90% कचरा साथ बहती गिरी नदी में मिल रहा हैं। जिसकी वजह से गिरी के प्रदूषित होने के साथ-साथ बीमारियां भी फैल रही हैं। गंदगी के कारण अब कुछ लोग गंभीर रूप से बीमार हैं। पीजीआई से अपना इलाज करवा रहे एक स्थानीय हंस राज ने एमबीएम न्यूज से बातचीत के दौरान कहा कि डाक्टरों ने कहा हैं कि प्रदूषण के कारण वह बीमार हुए हैं।
ग्राम पंचायत ददाहू के पुस्कालय के परिसर में गंदगी के ढेरउन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधि केवल वोट के समय ही नजर आते हैं। अब उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं। इस विषय पर जब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी डॉ. एस कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि 26 जून के दिन आयोजत बैठक में सिरमौर के खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह कचरा नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाए। प्रत्येक पंचायत में कचरा निपटारे के लिए स्थान निर्धारित किया जाए। वहीं परियोजना अधिकारी सुदर्शन सिंह ने कहा कि ग्राम पंचायत ददाहू को निर्देश दिए गए हैं कि वह तीन दिनों के भीतर सफाई व्यवस्था को ठीक करें नहीं तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।