एमबीएम न्यूज/शिमला
प्रदेश में एक के बाद एक हो रहे बस हादसों के बाद आज मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सड़क सुरक्षा पर वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक ली। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कई अहम निर्णय लिए। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी कार्यलयों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अपने वाहनों के लिए उनके पास पर्याप्त पार्किंग स्थल हो ताकि सड़कों पर वाहनों को खड़ा करने की आवश्यकता न रहे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि ऐसे स्थलों पर 50 मीटर के दायरे में पार्किंग की अनुमति नहीं दी जाएगी जहां स्कूली विद्यार्थी अपनी स्कूल बसों से उतरते और चढ़ते हैं। मुख्यमंत्री ने शिमला जिला प्रशासन और नगर निगम को 10 जुलाई तक ऐसे स्थल चिन्हित करने के भी निर्देश दिए जहां सड़क के किनारे पीली रेखा के साथ छोटी-छोटी पार्किंग विकसित की जा सके। उन्होंने कहा कि शिमला शहर में अनाधिकृत पार्किंग पर कड़ी कार्रवाई होगी। शहर में सड़कों पर केवल एक तरफ पीली लाईन पर ही वाहनों की पार्किंग की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि शिमला में चल रहे तीन बड़े पार्किंग स्थलों को विकसित करने के कार्य में तेजी लाई जाएगी जबकि जिला प्रशासन व नगर निगम शिमला विशेषकर आवासीय क्षेत्रों में पार्किंग विकसित करने के लिए जगह चिन्हित करेंगे। इससे लोगों को जहां पर्याप्त पार्किंग की सुविधा उपलब्ध होगी, वहीं शहर की सड़कों पर यातायात की व्यवस्था भी सुचारू बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों को अपने घरों के सैटबैक के दायरे में निजी पार्किंग विकसित करने के पहलू पर विचार करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में लोगों को सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में जागरूक करने के लिए बड़े स्तर पर जागरूकता, शिक्षा एवं सम्पर्क गतिविधियां चलाई जाएंगी। राज्य में सभी तंग सड़कों को चिन्हित कर उन्हें चौड़ा करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि शिमला शहर में रोजाना 1,65,000 वाहन चलते हैं जिसके कारण लोगों की सुविधा के लिए वैकल्पिक सड़कों के निर्माण की आवश्यकता है।
मृतकों को 5 लाख की राहत राशि
इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने आज शिमला में एक स्कूल बस दुर्घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपए की राशि दी जा रही है तथा घायलों को नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने कहा कि परिवहन वाहनों की स्थिति पर विशेष ध्यान दिया जाएगा तथा किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रदेश सरकार की प्राथमिकता यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है जिसके लिए सभी स्कूल बसों की जांच नियमित रूप से की जाएगी तथा स्कूल प्रबन्धन को सुरक्षा मापदण्डों के बारे में जागरूक बनाया जाएगा।
शिक्षा व परिवहन मंत्री भी रहे मौजूद
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज और परिवहन मंत्री गोविन्द ठाकुर ने भी वाहनों की सुरक्षित आवाजाही के लिए सड़क सुरक्षा एवं सुधार के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। महापौर कुसूम सदरेट, उपमहापौर राकेश शर्मा, मुख्य सचिव बीके अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव डा श्रीकान्त बाल्दी व आरडी धीमान, प्रधान सचिव परिवहन जेसी शर्मा, प्रधान सचिव राजस्व ओंकार शर्मा, पुलिस महानिदेशक एसआर मरडी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव संजय कुण्डू, परिवहन निदेशक जेएम पठानिया, उपायुक्त शिमला अमित कश्यप, नगर निगम आयुक्त पंकज रॉय, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव डीसी राणा, लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियन्ता आरपी वर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस बैठक में उपस्थित थे।
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