एमबीएम न्यूज/शिमला
प्रदेश की राजधानी के खलीणी क्षेत्र में स्कूल के छात्रों को ला रही एचआरटीसी बस के दुर्घटनाग्रस्त होने की वजह तो जांच के बाद ही सामने आएगी, लेकिन हादसे के बाद जिस तरीके से गुस्साई भीड़ ने सड़क के किनारे खडे़ लगभग डेढ़ दर्जन वाहनों के शीशे तोड़े, उससे इस बात का संकेत मिल रहा है कि वजह ये वाहन भी थे। प्रारंभिक खबर में यह बात सामने आई थी कि जगह न मिल पाने के कारण बस खाई की तरफ लुढ़क गई। ऐसे में अगर सड़क के किनारे वाहन पार्क न होते तो सड़क चौड़ी होने की वजह सेआसानी से क्रॉस हो जाती।
अब यह बात सामने आ रही है कि वाहनों की पार्किंग की वजह से बस का एक ऑफ रोड हो गया। राजधानी की संकीर्ण सड़कों के किनारे अनाधिकृत तौर पर पार्क होने वाले वाहन न केवल जाम की वजह बनते हैं, बल्कि अब हादसे भी शुरू हो गए हैं। सरकार ओवरलोडिंग को लेकर संजीदगी दिखा रही है, लेकिन अब शहरी क्षेत्रों में सड़कों के किनारे पार्क होने वाले वाहनों को लेकर सख्ती दिखानी होगी। कई शहरों की सड़कें वाहनों की पार्किंग के कारण संकीर्ण हो चुकी हैं। राहगीर जान हथेली पर रखकर चलते हैं।
दुर्घटनाग्रस्त बस की बेशक इंश्योरेंस नहीं थी, लेकिन फिटनेस मई 2020 तक थी। एचआरटीसी के ड्राईवर भी माहिर माने जाते हैं। उल्लेखनीय है कि गुस्साई भीड़ ने शिक्षा मंत्री का भी घेराव कर डाला था। आरोप था कि सड़कों के किनारे अनधिकृत पार्क वाहनों को हटाने को लेकर सरकार कुछ नहीं कर रही है।