एमबीएम न्यूज/शिमला
सोमवार को एक दर्दनाक हादसे ने दो मासूम बच्चों के अलावा चालक की जिंदगी लील ली। निजी स्कूल के बच्चों को लेकर आ रही बस खलीणी में खाई में लुढ़क गई। हालांकि जांच के बाद सही कारण सामने आएंगे। लेकिन बताया जा रहा है कि दूसरे वाहन को पास देने के दौरान हादसा हुआ।
चूंकि अब वाहनों के पंजीकरण से जुड़ा डाटा मिनिस्टरी ऑफ ट्रांसपोर्ट की साइट पर उपलब्ध है, लिहाजा हादसे के तुरंत बाद ही लोगों ने बस से जुड़ी जानकारी जुटानी शुरू कर दी। इसमें खुलासा हुआ कि बस नंबर एचपी 63-3203 की इंश्योरेंस 3 जून को ही समाप्त हो चुकी थी। जबकि इसकी फिटनेस 29 मई 2020 तक है। पाठकों ने जब स्क्रीन शॉट भेजने शुरू किए तो तथ्यों की तस्दीक वैबसाइट से भी हो गई। सरकार ओवरलोडिंग को लेकर तो नकेल कस रही है, लेकिन यह जानने की कोशिश नहीं कर रही है कि सडकों पर दौड़ रही सरकारी व निजी बसों की तकनीकी स्थिति क्या है।
हादसे का शिकार हुई बस की रजिस्ट्रेशन 6 नवंबर 2009 को हुई थी। इससे साफ है कि बस लगभग 10 साल से दौड़ रही है। उधर मौके पर पहुंचे शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा।