रेणु कश्यप/नाहन
मौजूदा परिदृश्य में युवा सरकारी नौकरियों के लिए क्रेजी रहते हैं, लेकिन एक तबका ऐसा भी है, जो सरकारी नौकरी की बजाय अपने हुनर की बदौलत आगे बढ़ता है। अपने स्वरोजगार के साथ-साथ अन्यों के लिए भी रोजगार के संसाधन जुटाने का प्रयास करता है।
इन पंक्तियों की कसौटी पर पांवटा साहिब की रहने वाली 26 वर्षीय छाया चौधरी बखूबी खरा उतरती हैं। हुनर व व्यवहार की बदौलत महलात के समीप मेधावी टैक्सटाइल के द्वितीय तल पर रविवार से “छाया मेकओवर व ब्यूटी एंड हेयर सैलून” की शुरूआत हो रही है। दरअसल छाया एक लंबे अरसे से इस प्रोफेशन में है। युवाओं के लिए जीवन के इस मोड़ पर आकर जोखिम उठाना कठिन होता है, क्योंकि खुद निजी क्षेत्र में नौकरी से एक फिक्स आमदनी होती है। अपना कार्य शुरू करने में थोड़ा डर होता है। लेकिन छाया ने अपने हुनर व स्वभाव से लोगों के बीच एक अलग पैठ बनाई है।
छाया का कहना है कि शुरूआत में ही वो तीन लड़कियों के अलावा दो लड़कों को रोजगार भी उपलब्ध करवाएगी। समय की डिमांड के मुताबिक अन्य युवाओं को भी रोजगार मुहैया करवाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस प्रोफेशन में कई तरह की विसंगतियां भी होती हैं, लेकिन वो इससे दूर रहकर एक बेहतरीन सेवा प्रदान करने का प्रयास करेंगी। खास बात यह भी है कि छाया ने अपना स्वरोजगार स्थापित करने के लिए सरकार की किसी योजना का लाभ नहीं लिया है, बल्कि नौकरी से की गई बचत के बूते ही महिलाओं व युवतियों के लिए सज्जा का एक बेहतरीन मंच तैयार किया है। उन्होंने शहरवासियों को रविवार सुबह हौंसला अफजाई के लिए पार्लर आने का न्यौता दिया है।
कुल मिलाकर छाया की शुरूआत कई मायनों में लीक से हटकर है। उन युवाओं के लिए संदेश तो है ही, जो जीवन में जल्द हताश हो जाते हैं। साथ ही यह भी साबित कर दिखाया है कि अपने ही बूते पांव पर खड़ा हुआ जा सकता है। इसमें भी कोई दोराय नहीं है कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए जोखिम उठाना ही पड़ता है।