एमबीएम न्यूज़/शिमला
ओवरलोडिंग पर सख्ती से राजधानी में भी जगह-जगह अफरा-तफरी और हंगामे का माहौल बन रहा है। उपनगर ढली में बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था किए बसों में विद्यार्थियों को न बैठाए जाने से गुस्साए स्थानीय लोगों ने सड़क पर चक्का जाम कर दिया। गुस्साए लोगों ने करीब एक घंटे तक इलाके में चक्का जाम किया। बाद में पुलिस के हस्तक्षेप से वाहनों की आवाजाही बहाल की गई। दरअसल कुल्लू के बंजार बस हादसे के बाद पुलिस महानिदेशक ने ओवरलोडिंग से सख्ती से निपटने के आदेश जारी किए थे। आदेश के बाद से पुलिस और परिवहन विभाग की टीमें व्यस्त रूटों पर रोजाना ओवरलोडिंग पर शिकंजा कस रही हैं।
इसी क्रम में शुक्रवार को ढली में स्कूल से वापिस रहे विद्यार्थियों को ओवरलोडिंग के चलते नहीं बैठाया गया। इसके बाद आक्रोशित स्थानीय लोग व छात्र सड़क के बीचों-बीच बैठ गए। वहां वाहनों का लंबा जाम लग गया। उधर इस मामले पर सामाजिक कार्यकर्ता रवि कुमार दलित ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जिस तरह आज ओवरलोडिंग की आड में स्कूली छात्रों और किसानों, बागवानों को तंग किया जा रहा है तथा बसों में चढ़ने नहीं दिया जा रहा है।
इससे स्पष्ट हो चुका है कि परिवहन मंत्री व प्रदेश सरकार फेल हो चुकी है। जनता की सहूलियत के लिए कोई कड़े कदम नहीं उठाए जा रहे। न तो बसों का सुचारू रूप से चलाया जा रहा है और बसें न होने की वजह से जो ओवरलोडिंग हो रही है, उल्टा उसके लिए जनता को ही परेशान किया जा रहा है। जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि अगर जल्द इस समस्या का हल नहीं किया गया, तो वे लोगों को लामबंद कर सचिवालय के बाहर धरना देंगे।