एमबीएम न्यूज़/हमीरपुर
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पिछले लगभग 18 वर्षों से कंप्यूटर शिक्षा प्रदान कर रहे कंप्यूटर शिक्षक इस बार मानसून सत्र की छुट्टियां प्राप्त करने के बाद गदगद हो रहे हैं। पिछले कई वर्षों से शिक्षा विभाग व सरकार की अनदेखी के चलते कंप्यूटर शिक्षक छुट्टियों में भी स्कूल जाने पर मजबूर थे। हालांकि शिक्षकों द्वारा मामला कोर्ट में पेश किए जाने के बाद ही कंप्यूटर शिक्षकों को छुट्टियां मिल पाई हैं। लेकिन अभी भी कंप्यूटर शिक्षकों की अपने लिए स्थाई नीति बनाए जाने को लेकर सरकार से लड़ाई जारी है।
बताते चलें कि 18 सालों से सरकारी स्कूलों में 1,378 कंप्यूटर शिक्षक अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं। फिर भी अब तक इन्हें ईमानदारी का उचित फल प्राप्त नहीं हुआ। इन शिक्षकों का शोषण वर्ष 2001 से लेकर वर्ष 2019 तक कई कंपनियों के माध्यम से होता चला आ रहा है। इस दौरान कई सरकारें आई पर इनके लिए कोई ठोस नीति नहीं बना सकी। झूठे आश्वासन देकर अपना समय निकाल कर चली गई। सैलेरी समय पर मिलना तो दूर कंप्यूटर शिक्षक बाकी शिक्षकों की तर्ज़ पर छुट्टियां प्राप्त करने के लिए भी तरस चुके थे।
हालांकि अब हाईकोर्ट में मामला रखने के बाद कंप्यूटर शिक्षकों को मानसून की छुट्टियां मिल चुकी हैं। लेकिन देखना ये है कि इनकी स्थाई नीति की मांग पर सरकार गंभीरता से विचार करती है या नहीं। कंप्यूटर शिक्षक संघ अध्यक्ष रोशन मेहता के अनुसार कोर्ट के आदेशों के बाद कंप्यूटर शिक्षकों को मानसून की छुट्टियां मिली हैं। इनका कहना है कि हमेें आशा है कि वर्तमान सरकार कंप्यूटर शिक्षकोंं के लिए स्थाई नीति बनाने के बारे में गंभीरता से विचार करेगी।