वी कुमार/मंडी
प्रकृति से छेड़छाड़ हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य में आफत लेकर आती है। फोरलेन निर्माण के चलते पिछले वर्ष मंडी के कोटरोपी में हुआ हादसा 48 लोगों की जिंदगी लील गया था। ताजा घटनाक्रम में मंडी के ही ड्योड में फोरलेन निर्माण के चलते पहाड़ी पर बसे तीन परिवारों के 21 लोग डर के साए में जीवन जी रहे हैं। पहाड़ी दरकने से तीन परिवार अपने मकान छोड़ कर गौशाला में नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं।
गौशाला में एक तरफ पशु बंधे हैं। वहीं दूसरी तरफ परिवार के लोग रह रहे हैं। हालांकि प्रशासन ने आदेश देकर इन परिवारों से मकान खाली करवा लिए। मगर अभी तक यह अपने व पशुओं के जीवन को लेकर बेहद चिंता के दौर से गुजर रहे हैं। मकानों के साथ-साथ जमीन पर भी चौड़ी दीवारें लोगों में खौफ पैदा कर रही हैं। प्रभावित गुलजार, रफीक और रजिया का परिवार गंदगी व घुटन के माहौल में जीवन यापन करने को मजबूर है।
हालांकि डीसी मंडी ने बुधवार को तीनो परिवारों को अस्थाई शेड बनाकर दिए जाने का भरोसा दिया है। मगर यदि इन तीनो परिवारों का पुनर्वास मानसून के आगमन से पहले नहीं हुआ तो इनकी जिंदगी बद से बदतर हो जाएगी। इस पूरे मामले से इलाके में दहशत का माहौल है।