वी कुमार/मंडी
जिला के लोगों को जल्द ही आवारा पशुओं की समस्या से निजात मिलने वाली है। जिला प्रशासन दो स्थानों पर काउ सेंचुरी बनाने जा रहा है, जहां पर एक साथ एक हजार से अधिक आवारा पशुओं के ठहरने की व्यवस्था होगी। सड़कों पर घूमते आवारा पशु। लोगों के खेतों में फसलों को उजाड़ते आवारा पशु। कभी हादसों को न्यौता देते, तो कभी राहगीरों को मारने पर उतारू होते आवारा पशु। हिमाचल प्रदेश का शायद ही कोई कोना ऐसा होगा जहां पर इन आवारा पशुओं का आतंक न हो। लेकिन सीएम जयराम ठाकुर का गृह जिला अब इन आवारा पशुओं के आतंक से मुक्ति पाने वाला है।
प्रशासन ने दो स्थानों पर काउ सेंचुरी बनाने के लिए जगह का चयन कर लिया है। प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन स्थल मुरारी देवी और नैणा देवी के पास वाले जंगलों में इन काउ सेंचुरी का निर्माण किया जाएगा। इन दोनों स्थानों पर वन विभाग की 400-400 बीघा जमीन का चयन किया गया है। यह दोनों स्थान पशुओं को रखने के लिहाज से बेहतर माने गए हैं। अब इन काउ सेंचुरी के बारे में जान लेते हैं। 400 बीघा का जो एरिया सिलेक्ट किया गया है, उसकी पूरी तरह से फैंसिंग की जाएगी।
इस क्षेत्र में न तो बाहरी जानवर आ सकेगा और न ही अंदर वाला बाहर जा सकेगा। अंदर पशुओं के बारिश से बचने के लिए शैड बनाए जाएंगे और चारे व पानी की उचित व्यवस्था भी की जाएगी। एक काउ सेंचुरी में 500 के करीब पशुओं को रखा जा सकेगा और इस तरह दोनों स्थानों पर एक हजार से अधिक आवारा पशुओं को शरण मिलेगी। डीसी ऋग्वेद ठाकुर की मानें तो इसकी औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है। वन विभाग तथा स्थानीय लोगों की तरफ से आई आपत्तियों का समाधान किया जा रहा है।
ऋग्वेद ठाकुर के अनुसार जल्द ही इस पूरी प्रक्रिया को अमलीजामा पहना लिया जाएगा। हालांकि पहले प्रशासन आवारा पशुओं को शरण देने के लिए गौ सदनों के निर्माण पर जोर दे रहा था, लेकिन बाद में इस प्रपोजल को बदलकर काउ सेंचुरी में बदला गया। अब देखना होगा कि प्रशासन का यह नया प्रपोजल कब तक धरातल पर उतरता है ताकि जिला के लोगों को आवारा पशुओं के आतंक से निजात मिल सके।