एमबीएम न्यूज़/हमीरपुर
हिमाचल पथ परिवहन निगम ड्राइवर यूनियन की मासिक बैठक मंगलवार को स्थानीय वर्कशॉप के मंदिर परिसर में प्रांतीय उपाध्यक्ष सुरेश ठाकुर व प्रदेश प्रेस सचिव जगन्नाथ ठाकुर की अध्यक्षता में हुई। बैठक को संबोधित करते हुए सुरेश ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के सभी डिपूओं में चालकों की भारी कमी चल रही है। रूट से आकर भी चालकों को रैस्ट की जगह पर अन्य रूटों पर भेजा जा रहा है।
लगभग 5 माह के अंदर ही 300 चालक सेवानिवृत्त कर बैठे हैं। जेएनएनयूआरएम की बसों को चलाने के लिए भी लगभग 200 चालक तथा कुल मिलाकर 1 हजार चालकों की भर्ती करने की मांग की गई है। यूनियन की मुख्य मांगे हैं जेएनएनयूआरएम की खड़ी हमीरपुर क्षेत्र की बसों को अतिशीघ्र चलाया जाए। लंबे रूट को चलाने के लिए नई बसें खरीदी जाएं व हमीरपुर क्षेत्र में भी इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएं। चालकों की भारी कमी को पूरा किया जाए व हमीरपुर क्षेत्र में करीब 50 चालक भेजे जाएं।
20 वर्ष पूरा कार्यकाल कर चुके चालकों को वरिष्ठ चालक पद का दर्जा दिया जाए। हमीरपुर वर्कशॉप में रखे टायरों को हटवाया जाए। ताकि बसों का तकनीकी कार्य व पार्किंग के लिए जगह बनाई जा सके। हमीरपुर वर्कशॉप में चालक विश्राम कक्ष के लिए 6 गद्दे की व्यवस्था की जाए। अतिरिक्त रात्रि भत्ते को हर माह की 20 तारीख को नियमित किया जाए। हमीरपुर क्षेत्र में लंबलू से हरिद्वार बस सेवा को तहसील हेडक्वार्टर बस्सी से चलाया जाए। अनुबंध चालक जोकि 3 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं, उन्हें तुरंत रेगुलर किया जाए।
बैठक में कमल देव, रमेश चंद, पवन कुमार, जैन सिंह, प्रदीप कुमार, देश वीर, सुनील कुमार, कुलदीप कुमार, रमेश चंद, राज्य कार्यकारिणी सदस्य रतन चंद ठाकुर के अतिरिक्त श्याम लाल, सुरजीत कुमार, पवन कुमार, मस्तराम, शिव कुमार आदि उपस्थित रहे।
यूनियन की मांग उठाई कि ओवरलोडिंग की समस्या को देखते हुए चालक को दोषी ठहराया जाए। बल्कि अतिरिक्त बसें चलाई जाएं। चालकों की कमी को देखते हुए प्रदेश के डीपूओं के लिए करीब 1 हजार चालक पद की भर्ती की जाए। निरीक्षकों की भारी कमी को देखते हुए कुल 200 चालकों की पदोन्नति की जाए। क्योंकि 50 वर्ष के बाद चालकों की दृष्टि पर भी असर पड़ना शुरू हो जाता है।
यूनियन की मांग उठाई कि ओवरलोडिंग की समस्या को देखते हुए चालक को दोषी ठहराया जाए। बल्कि अतिरिक्त बसें चलाई जाएं। चालकों की कमी को देखते हुए प्रदेश के डीपूओं के लिए करीब 1 हजार चालक पद की भर्ती की जाए। निरीक्षकों की भारी कमी को देखते हुए कुल 200 चालकों की पदोन्नति की जाए। क्योंकि 50 वर्ष के बाद चालकों की दृष्टि पर भी असर पड़ना शुरू हो जाता है।