एमबीएम न्यूज/ददाहू
सरकार की विकास की गति कितनी अधिक तेज है, इसका अंदाजा विधानसभा क्षेत्र श्री रेणुका जी की सबसे दुर्गम ग्राम पंचायत लानाचेता में देखने को मिलता है। हैरानी की बात है कि यहां सिंचाई परियोजना 8 वर्ष बीत जाने के बाद भी पूरी नहीं हो पाई है।
वर्ष 2011 के रेणुका जी में हुए उपचुनाव में जीत का परचम लहराने वाले पुर्व विधायक हिरदा राम ने इस परियोजना का शिलान्यास धूमल सरकार में रहे सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री से करवाया था। वर्ष 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश में कांगेस की सरकार बनी और रेणुका जी मे उपचुनाव में हारने के बाद 2012 में विनय कुमार ने जीत दर्ज की और वीरभद्र सरकार में मुख्य संसदीय सचिव बने। वीरभद्र के करीब होने के कारण एक मंत्री से भी ज्यादा पावरफुल माना जाता था।
कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान इस परियोजना को विनय कुमार ने गति तो जरूर दी पर अंतिम चरण तक नहीं पहुंचा पाऐ। गांव के लोगों का कहना है कि यह परियोजना अधूरी लटकी हुई है और जो पाईपलाईन बनी हुई है वह भी क्षतिग्रस्त होने की कगार पर है। यह परियोजना जहां स्टोर टैंक है वहां तक पूरी हो चुकी है। जहां से किसानों के लिए पानी सिंचाई के लिए वितरित होना है। उसके लिए पाईप लाईन नहीं बिछाई गई है।
किसानों का कहना है कि गर्मी में सुखा होने के कारण किसानों को लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। कई बार तो फसलो में दवाईयो का खर्च भी पुरा नहीं हो पाता। इसी पंचायत में हर साल करोडों रूपए की फसलें होती है पर विभाग इसे गम्भीरता से नहीं ले रहा है। हैरानी वाली बात तो यह है कि सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग जिला सिरमौर के एसई इसी पंचायत से रहने वाले हैं फिर भी यह परियोजना पुरी नहीं हो पा रही है।