वी कुमार/मंडी
हिमाचल प्रदेश चिकित्सक संघ ने सीएम जयराम ठाकुर व स्वास्थ्य मंत्री विपिन्न सिंह परमार द्वारा थाची पीएचसी प्रकरण में निष्पक्ष जांच व अन्य मुद्दों पर आवश्यक पग उठाने के आश्वासन पर पेन डाउन स्ट्राइक को वापस ले लिया है। शुक्रवार से प्रदेशभर में स्वास्थ्य सेवाएं सामान्य रूप से चलेंगी। वीरवार को डा. जीवानंद की अध्यक्षता में शिमला में बैठक का आयोजन हुआ। बैठक में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र थाची में कार्यरत महिला चिकिस्तक के शारीरिक शोषण के प्रयास की निंदा की गई और दोषियों को शीघ्र पकडऩे और कार्रवाई करने के लिए सरकार से मांग रखी गई। इसके अलावा खंड चिकित्सा अधिकारी घुमारवीं की सस्पेंशन को निंदनीय बताया गया। जोकि बिना पक्ष जाने और बिना सुनवाई के कर दी गई। संघ ने इसे शीघ्र बहाल करने की मांग उठाई है। संघ ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक सभी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचरियों को शीघ्र सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध करवाने की मांग रखी। साथ ही इन संस्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाने की मांग भी उठाई ताकि सभी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी लोगों को भयरहित सेवाएं प्रदान कर सकें। संघ ने गृह मंत्रालय से मेडिपरसन एक्ट को शीघ्र नोटिफाई और लागू करने की मांग भी उठाई और इसे कमजोर बनाने के प्रस्ताव की निंदा की। संघ ने मांग उठाई है कि जिन स्वास्थ्य संस्थानों में 24 घंटे सेवाएं प्रदान की जाती हैं, वहां पर्याप्त कर्मचारियों की नियुक्ति के बाद ही सेवा देने के लिए योग्य घोषित माना जाएगा। ऐसे में अकेला चिकित्सक कैसे सेवाएं देने में समर्थ माना जाएगा। प्रदेश के अधिकांश स्वास्थ्य संस्थान बिना सफाई कर्मी और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के अभाव में खुद बीमार पड़ गए हैं। संघ ने सरकार से सभी कर्मचारियों के रिक्त चल रहे पदों को शीघ्र भरने की मांग उठाई। संघ ने इन सभी मुदों को मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष रखा। दोनों ने ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हुए हादसे कि निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया और मामले की तह तक जाने की बात की।
इसके अलावा शीघ्र ही खंड चिकित्सा अधिकारी के निलंबित को रद्द किया जाएगा और शीघ्र ही पीएचसी तक सुरक्षा एवं सीसीटीवी कैमरे अलार्मिंग हूटर के साथ लगवाए जाएंगे। सीएम व स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वास्त किया है कि शीघ्र ही मेडिपर्सन एक्ट को नोटिफाई करने के आदेश गृह मंत्रालय से पुलिस विभाग को दिए जाएंगे। इसका संघ ने स्वागत किया है और संघर्ष को विराम देने का फैसला किया। बैठक में प्रदेश के महासचिव डा. पुष्पिंदर वर्मा, डा. संतलाल शर्मा, डा. अनुपम बंधन, डा. प्रवीण चौहान, डा. विकास ठाकुर, डा. अशोक चौहान, डा. जितेंद्र, डा. रजनीश सूद, डा. विजय राय, डा. राजेश राणा, डा. रोशन ठाकुर, डा. पारस सहगल, डा. भारतेन्दु व अन्य मौजूद रहे।