एमबीएम न्यूज़/शिमला
बहुचर्चित कंडक्टर भर्ती मामले में एचआरटीसी के सीजीएम हेमेंद्र गुप्ता ने शिमला की स्थानीय अदालत में दाखिल की गई अग्रिम जमानत की याचिका वापस ले ली है। न्यायाधीश राजीव भारद्वाज की अदालत में मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान सी.जी.एम के वकील ने अदालत में उनकी अग्रिम जमानत को वापिस लेने के लिए आवेदन किया। इसके बाद न्यायाधीश ने याचिका वापस लेने की मंजूरी दे दी। ऐसे में गुप्ता पर अब गिरफतारी की तलवार लटक गई है।
सनद रहे कि कंडक्टर भर्ती मामले में एचआरटीसी के सी.जी.एम एचके गुप्ता को शिमला के सैशन कोर्ट से 20 मई को अंतरिम जमानत मिली थी। इसके तुरंत बाद सरकार ने सीजीएम गुप्ता की शक्तियां छिनी ली थीं।
यह मामला साल 2003 का था, जब कांग्रेस की वीरभद्र सरकार काबिज थी। विजिलेंस एंड एंटी क्रप्शन ब्यूरो ने मामले की जांच की थी। लेकिन बाद में इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। कोर्ट के आदेश पर 2017 में शिमला के सदर थाने में बिलासपुर के नम्होल निवासी जय कुमार ने एफआईआर दर्ज करवाई थी। एफआईआर में गुप्ता सहित पांच अन्य को नामजद किया गया था।
मामले के अनुसार 24 अक्तूबर, 2003 को निदेशक मंडल की बैठक में कंडक्टरों के 300 पद भरने को मंजूरी दी गई। इनमें सामान्य वर्ग के 166, ओबीसी के 54, एससी के 66 और एसटी के 14 पद भरे जाने थे। इन पदों के लिए 17 हजार 890 आवेदन आए। 20 सितंबर, 2004 को 300 की जगह 365 पद भरे। 12 मई, 2005 को 13 और पद भर दिए गए। इसके बाद भर्ती पर सवाल उठने लगे।