एमबीएम न्यूज़/हमीरपुर
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान(एनआईटी)हमीरपुर का नौवां दीक्षांत समारोह सोमवार को संस्थान के ऑडिटोरियम में आयोजित हुआ। जिसमें आई.आई.टी. रुड़की के निदेशक प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी। दीक्षांत समारोह में कुल 481 विद्यार्थियों को उपाधियां दी गई। इनमें 33 डाक्टरेट, 121 पोस्ट ग्रेजुएटस और 327 ग्रेजुएटस रहे। उपाधि प्राप्त करने के लिए हिमाचली परिधान को अनिवार्य किया गया था। इस वर्ष का दीक्षांत समारोह हिमाचली परिधानों से सजा नजर आया। छात्र काले गाऊन के बजाय हिमाचली पारंपरिक वेशभूषा में अपनी डिग्रियां प्राप्त करने पहुंचे हुए थे।
कार्यक्रम में एनआईटी के निदेशक विनोद यादव ने अपने संबोधन में बताया कि गत 32 वर्षों में एनआईटी हमीरपुर ने 10 हजार से अधिक इंजीनियर बनाए हैं, जोकि समाज में अपना योगदान दे रहे हैं। 29 रिसर्च प्रोजेक्टस वर्तमान में कार्यरत हैं। एनआइटी हमीरपुर ने एमएचआरडी. सीडीएसएल वेंचर्स लिमिटेड और वाटर एंड सैनिटरी सपोर्ट आर्गेनाईजेशन जैसी कंपनियों से एमओयू साईन किए हैं। यहां के विद्यार्थी शिक्षा के अलावा खेल में भी अव्वल हैं, जिनमें ऑल इंडिया इंटर स्पोटर्स जयपुर में 10 हजार मीटर में गोल्ड मैडल व 5 हजार मीटर में सिल्वर मैडल प्राप्त किए हैं।
वहीं पलेसमेंट के मामले में वर्ष 2018-19 में करीब 85 प्रतिशत का रिकार्ड रहा है, जिसमें करीब 1.20 करोड़ तक का पैकेज दिया गया है। दीक्षांत समारोह पूरक रहा क्योंकि 2014 से 2017 तक के स्टूडेंट्स को डिग्री तो दे दी गई थीं, लेकिन किन्हीं कारणों से दीक्षांत समारोह नहीं हो पाए थे। कार्यक्रम के अंत में मुख्यातिथि ने डिग्रियां प्राप्त करने वालों विद्यार्थियों को संबोधित किया।